भूतों और पिशाचों के बारे में सुनते ही हमारे पसीने छूटने लगते हैं. इनका जिक्र भी कहीं छिड़ जाए तो रात को सोना मुश्किल हो जाता है. इतना ही नहीं सुनसान अंधेरी रात में हम अकेले घर वापस इसीलिए नहीं आ पाते क्योंकि हमें यह आभास होने लगता है कि हमारे आसपास कोई है या कोई हमारे साथ चल रहा है. खैर अगर आपके साथ भी ऐसा ही कुछ होता है तो घबराने की कोई बात नहीं है क्योंकि सामान्य व्यक्ति भूत-प्रेतों की बातों से डरता है और अंधेरे में अकेले चलने से घबराता भी है. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनके लिए भटकती आत्माएं पैसे कमाने का एक बेहतर माध्यम बन जाती हैं. वह इनसे डरते नहीं बल्कि इनकी सहायता से अपना फायदा निकालने की कोशिश करते हैं. जादू-टोने और काली शक्तियों का अनुसरण करने और साथ ही इन पर विश्वास करने वाले लोग दूसरों की मजबूरी का लाभ उठाने के लिए प्रेत शक्तियों का प्रयोग करते हैं.
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यूं तो भारत में भी काला जादू और काली शक्तियों का प्रयोग किया जाता है लेकिन अगर आप इसे भारत के पिछड़ेपन के साथ जोड़कर देखते हैं तो आपको यह भी जान लेना चाहिए कि भारत अकेला ऐसा देश नहीं है जहां बुरी शक्तियों का बोलबाला है बल्कि थाइलैंड के लोग घोर अंधविश्वासी हैं जो लॉटरी जीतने के लिए भूतों का सहारा लेते हैं और उनकी ऐसी मानसिकता का फायदा उठाती थी वहां के अस्पताल की एक नर्स.
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गर्भ में पल रहे बच्चों के भ्रूण को बेचने वाली एक नर्स को जब पुलिस ने गिरफ्तार किया तो उसने पुलिस को जो बयान दिया वह वाकई हैरान करने वाला था. ऊरा सुथ्थीवांग नामक इस नर्स पर भूतों का सौदा करने जैसा हैरतंगेज आरोप लगाया गया था. लोगों का कहना है कि वह अजन्में बच्चों के भ्रूण को भूत बताकर बेच दिया करती थी. पुलिस के गुप्त सूत्रों के अनुसार आरोपी नर्स ने इन बाल भ्रूणों को बोतलों में कैद करके एक पुराने मकान में छिपा रखा था.
ऊरा पिछले काफी समय से इस घिनौने कृत्य को अंजाम दे रही थी लेकिन इसकी खबर पुलिस को तब चली जब एक शिकारी को उसके घर के पास गुप्त रूप से रखी यह बोतलें मिलीं. शिकारी ने इसकी सूचना तुरंत पुलिस को दी और पुलिस ने बिना किसी देरी किए ऊरा को गिरफ्तार कर लिया.
गिरफ्तारी के बाद नर्स ने पुलिस को बताया कि वह इन भूतों को ऐसे लोगों को बेचती थी जो लॉटरी के जरिए बड़ी रकम कमाना चाहते थे. ऊरा ने इस बात को भी स्वीकार किया है कि जब वह अस्पताल में काम करती थी तब उसने इन बाल-भ्रूणों को गैरकानूनी तरीके से हासिल किया था.
वे लोग जो बच्चों के भ्रूणों के भूत होने जैसी बात पर आस्था रखते थे वे इन्हें लक-कॉर्कके नाम से जानते थे. ऐसे लोगों का मानना है कि ‘लक कॉर्क’ की कृपा होने से उन्हें लॉटरी में बड़ी रकम मिल सकती है.
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