Menu
blogid : 7629 postid : 887644

अस्पताल बना मंडप जब दुल्हन पहुंची लेकर बारात

दूल्हे राजा देख दुल्हनिया डोली लाई है, बैंड-बाजा साथ में बारात लाई है. रेखा कि हिट हिंदी फिल्म का यह गीत, कभी किसी की जिंदगी का सच भी बन सकता है, शायद ही किसी ने सोचा हो. पर ऐसा असल जिंदगी में हुआ है. जहां दुल्हन दूल्हे के लिए बारात लेकर पहुंची. यूं तो दुल्हन शादी के बाद जीवनभर हर सुख व दुख में साथ निभाने का वादा करती है, लेकिन बिहार राज्य के छपरा जनपद की निवासी गुड़िया ने यह वादा शादी से पहले ही पूरा कर दिया और अपने भावी पति से झुलसी हालत में शादी करने का कदम उठाया. यह शादी किसी हिन्दी बॉलिवुड फिल्म की कहानी से जरा भी अलग नहीं थी क्योंकि इसमें दूल्हा झुलसी हालत में, बलिया जिला अस्पताल में पड़ा था,जबकि दुल्हन उससे उसी हालत में शादी करने को तैयार बैठी थी, इसलिए दुल्हन समाज और परंपरा को दरकिनार करते हुए बारात लेकर अस्पताल पहुंच गई, जबकि हिंदू विवाह पद्धति के अनुसार दूल्हा बारात लेकर आता है, लेकिन गुड़िया का होने वाला पति उमेश सिंह, चूंकि अस्पताल में झुलसा पड़ा था और बारात लेकर आने की स्थिति में नहीं था, इसलिए दुल्हन गुड़िया ने निश्चय किया कि वह शादी उसी दिन करेगी और बस फिर क्या था समाज की परवाह न करते हुए यह साहसी दुल्हन बारात लेकर अस्पताल पहुंच गई. इस बारात में न बैंड बाजा था और न बाराती, ऐसे में बाराती के रूप में सिर्फ दुल्हन का साहस और प्यार व उसके परिजन साथ थे. इस दुल्हन के दृढ़ निश्चय को हर किसी ने सलाम किया.


Read: यहां अपने भाई के लिए दुल्हा बनकर बहन करती है दुल्हन से शादी


Wedding pic


दरअसल, बांसडीह कोतवाली क्षेत्र के राजा गांव खरौनी निवासी उमेश सिंह का तिलकोत्सव बीते दिनों हुआ था. इसके बाद बारात जानी थी, लेकिन एक दिन पहले ही उमेश के घर गैस सिलेंडर रिसाव से आग लग गई. इस घटना में उमेश की मां राजेश्वरी देवी (62) बुरी तरह झुलस गई, जबकि उन्हें बचाने में राजेश्वर सिंह (58), उमेश सिंह (25), संजय सिंह (35) और सिंधू सिंह (30) घायल हो गए. सभी का उपचार जिला अस्पताल में चल रहा है. झुलसने के कारण उमेश बारात लेकर जाने की हालत में नहीं था.


Read:शादी के बीच में पहुँची दुल्हन की बेटी और रो पड़े मेहमान


जब यह बात लड़की पक्ष के लोगों को पता चली तो उन्होंने शादी की तिथि आगे बढ़ाने का मन बना लिया था, दुल्हन गुडिया ने अपने माता-पिता के सामने यह प्रस्ताव रख दिया कि चाहे जो हो, शादी उमेश से ही होगी और निर्धारित तिथि पर ही. गुडिया के सवालों के सामने निरूत्तर हुए उसके परिवार वालों ने इसकी सूचना उमेश के गांव में दी. गुडिया का हौसला देख उमेश ने भी निर्धारित तिथि पर ही परिणय सूत्र में बंधने की इजाजत दे दी. इसके बाद बिहार राज्य के छपरा जनपद के उमधा निवासी राधा किशुन सिंह अपनी बेटी गुडिया और अन्य परिजनों के साथ साधारण तरीके से जिला अस्पताल पहुंचे.



wedding 2


फिल्में भी समाज का आइना होती है. यह बारात अपने आप में बहुत अनोखी, लेकिन सच्चे समर्पण की कहानी बयां करती है. गुड़िया के आत्मविश्वास ने उसे हालातों के आगे झुकने नहीं दिया और उसने अपने सात वचनों में से, एक वचन ‘हर हालात में साथ देने का’, को पूरी शिद्दत के साथ निभाया….Next



Read more:

सुहागरात में दूध पीने का ये है कारण

विधवाओं पर समाज द्वारा लगाई जाने वाली पाबंदी का वैज्ञानिक पहलू भी है..जानिए क्यों विज्ञान भी उनके बेरंग रहने की पैरवी करता है

मरने के बाद भी साथ नहीं छोड़ता सच्चा प्यार….आपकी आंख में आंसू ले आएगी ये लव स्टोरी

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh