साम्यवादी शासन के सख्त कानून के कारण नागरिकों के मौलिक अधिकारों को बेरहमी से कुचल दिया जाता है. इन्हीं देशों के लिस्ट में उत्तर कोरिया का नाम सबसे ऊपर आता है. इस देश में कठोर कानून होने के कारण कहा जाता है कि यहां के नागरिकों की सांसों पर भी उत्तर कोरिया सरकार का अधिकार है. अधिकारों से संबंधित जानिए उत्तर कोरिया के चौकाने वाले तथ्य.
उत्तर कोरिया में नागरिकों को हफ्ते में सात (7) दिन काम करना पड़ता है. 6 दिन रोज की तरह काम करना होता है और 1 दिन ‘वॉलनटिअर’ वर्क करना पड़ता है. यानी कुल वर्किंग डे 7 दिन के होते हैं. यहां सरकार द्वारा नियंत्रित रेडियो हर घर में लगा हुआ है जिसे किसी भी नागरिक को बंद करने की अनुमति नहीं है.
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यह देश विश्व के बाकी देशों से कटा हुआ है. यहां न्यूजपेपर्स और मैगजीन पर बाहरी दुनिया की खबरों को प्रकाशित नहीं किया जाता. यहां की मीडिया उत्तर कोरिया की खबरे ही दिखाती या प्रकाशित करती हैं.
इस देश में कुछ ऐसे अपराध हैं जिसे करने पर सीधे मौत की सजा दी जाती है. इन अपराधों में शामिल है- बाइबल रखना, पॉर्न देखना या रखना और दक्षिण कोरियाई फिल्म देखना. इन अपराधों के लिए माफी का कोई प्रावधान नहीं है.
किम जोंग-उन की तरह जबरन हेयरस्टाइल रखने का फरमान सुनाया जाता है.
उसने निर्वस्त्र कर जेल में 120 भूखे कुत्तों के आगे डाल दिया था. भारत की तरह यहाँ भी हर 5 साल बाद चुनाव होता है लेकिन यहाँ सिर्फ एक ही कैंडिडेट मैदान में होता है और वही जीतता है.
इस देश में इंटरनेट की सेवा नहीं है. यहां सिर्फ वीआईपी लोगों को ही इंटरनेट चलाने का विशेषाधिकार प्राप्त है. यहां अधिकतर सड़कों पर पब्लिक स्पीकर्स हैं जिसके माध्यम से किसी भी वक्त फरमान सुनाया जाता है और इसे नागरिकों को पालन भी करना पड़ता है.
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यहां किसी भी व्यक्ति को गरीबों की तस्वीर लेने का अधिकार नहीं है. उत्तर कोरिया की लगभग पूरी आबादी बेहद गरीबी में जी रही है. उत्तर कोरिया में लोगों को 8 जुलाई और 17 जुलाई को किसी भी तरह के उल्लास कार्यक्रम के आयोजन करने की इजाजत नहीं है. क्योंकि किम II सुंग और किम जोंग II की मौत क्रमशः इन्हीं दोनों दिन हुई थी.
यहां आने वाले टूरिस्ट को मोबाइल लेकर देश में प्रवेश की इजाजत नहीं है. मोबाइल को एयरपोर्ट पर ही जब्त कर लिया जाता है और वापसी के वक्त लौटा दिया जाता है. इतना ही नहीं यहां किसी को भी गाड़ियां खरीदने की इजाजत नहीं है. लेकिन यह कानून सरकारी अधिकारियों और मिलिट्री अधिकारीयों के लिए नहीं है.Next…
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