करोड़ों लोग धरती पर प्यार करते हैं पर क्या सबका प्यार एक जैसा होता है? क्या हर प्रेमी जोड़ा एक जैसी ही भावना और अनुभवों से गुजरता है? खैर इन सवालों से बड़ा सवाल यह है कि क्या आप भी अपने जीवन में ऐसा प्यार महसूस करना चाहते हैं जो आपसे पहले, आपके समय में और आपके बाद भी करोड़ों लोग महसूस करेंगे. या आप कुछ लीक से हटकर चाहते हैं, कुछ नया. ऐसा प्रेम जो आपके जीवन को उन अनुभवों से भर दे जो बेहद कम लोगों को नसीब हो पाता है. अगर आप प्रेम में कुछ असाधारण पाना चाहते हैं जो गपशप, शॉपिंग, चैटिंग और लफ्फाजी से ऊपर की चीज हो तो आपको तलाश है इनकी. यह वह है जिसके भीतर हजारों आत्माएं निवास करती हैं, वह जो उनकी भी खुशी और दर्द को महसूस कर चुका है जिनसे वह कभी नहीं मिला जो अपनी एक जिंदगी में हजारों जिंदगियां जी चुका है.
आप सोच रहे होंगे कि आखिर वह है कौन. हम बात कर रहे हैं उस लवर की जो अपने साथी के बाद अगर किसी के सबसे ज्यादा नजदीक होते हैं तो वह किताबें होती हैं. ये वे हैं जो किताबों को सिर्फ पढ़ते नहीं हैं बल्कि उन्हें जीते हैं. वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि ऐसे स्त्री-पुरूष से प्रेम करना जिनके जीवन में किताबें पढ़ना रोजाना कि आदत में शुमार होता है, आपके जीवन को उन अनुभवों से भर देता है जो बेहद कम लोगों को मयस्सर हो पाता है. कैसे? आइए जानते हैं.
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सोशल मीडिया और इंटरनेट की इस दुनिया में ऐसे लोग बहुत कम बचे हैं जो अबतक किताबों की दुनिया में जीते हैं. लोगों की वह आदत छूटती जा रही है जिसे अंग्रेजी में ‘डीप रीडिंग’ कहते हैं. यह वह अवस्था होती है जब आप किताबों को सिर्फ पढ़ते नहीं हैं बल्कि उसे महसूस करते हैं. किसी उपन्यास के हर पात्र के जीवन को जीते हैं और जब आप उस किताब को खत्म करते हैं तो आपके भीतर उन पात्रों की भी आत्मा प्रवेश कर चुकी होती है. टाईम मैगजीन की एनी मर्फी पॉल के अनुसार डीप रीडिंग की आदत दिन प्रतिदिन विलुप्त हो रही है. फेसबुक और ट्वीटर के वन लाईनर स्टेटस और कचरा लेखन ने हमारी आदत को बिगाड़ दिया है. सबसे बुरी बात यह है कि अब हम या तो अच्छी किताबें पढ़ते ही नहीं हैं और पढ़ते भी हैं तो बेहद सतही तौर पर, टुकड़ों में. जबकि मनोवैज्ञानिक अध्ययन बताते हैं कि ‘डीप रीडर’ साधारण मनुष्यों से ज्यादा समझदार और बेहतर आदमी होते हैं.
कनाडा के मनोवैज्ञानिक रैमंड मार और यूनिवर्सिटी ऑफ टोरोंटो के केथ ओटले द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है कि जो फिक्शन पढ़ते हैं वह दूसरों की भावनाओं को ज्यादा बेहतर समझ पाते हैं. वे अपने विचारों को त्यागे बिना दूसरों की राय और मतों का सम्मान करना जानते हैं. वे आत्ममुग्धता के शिकार नहीं होते.
क्या आपने कभी अपने लवर को किताबों के साथ देखा है? क्या आप कभी उससे किताबों के बारे में बात करते हैं. अगर आपका जवाब नहीं है तो शायद आपको अपनी पसंद को परिष्कृत करने की जरूरत है. अगर हर अफेयर के बाद आप अपने आप को अधूरा पाते हैं और चाहते हैं कि कोई आए आपकी जिंदगी में जो यह अधूरापन भर दे तो आपको इंतजार है उसकी जिसके हाथों में अधिकांश वक्त किताब होती है. चाहे वह बस में सफर कर रहा हो, पार्क में बैठा हो, वह किताबों का साथ न छोड़ता हो. क्योंकि ऐसा व्यक्ति अपनी उम्र से ज्यादा जिंदगी जी चुका होता है. उसके पास उन सभी लेखकों और पात्रों की जिंदगियों का अनुभव होता है जिनकी जिंदगी वह किताबों के जरिए जी चुका होता है.
किसी ऐसे लवर के साथ होना हजारों आत्माओं के साथ डेट करने जैसा होता है. आप इस उथली दुनिया में दूसरों की तुलना में जिंदगी को कुछ अधिक गहराई से जी पाते हैं. उस एहसास को शब्दों में नहीं बयां किया जा सकता है, सिर्फ महसूस किया जा सकता है. लेकिन यह एहसास आपके व्यक्तित्व को जो ऊंचाई देता है वह एक अलग आयाम का होता है. किसी डीप रीडर के साथ प्रेम में गिरने का अर्थ है उसके जरिए आप हजारों जिंदगियों को एक साथ जीते हैं…Next
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