‘तुम रूठी रहो, मैं मनाता रहूं. इन अदाओं पर और प्यार आता है’. 60 के दशक में गायक मुकेश कुमार का ये गाना आज भी सदाबहार माना जाता है. मॉर्डन लाइफस्टाइल अपना चुके युवा आज भी इस गाने को गुनगुनाते हुए दिख जाएंगे, लेकिन अफसोस इन गाने को असल जिंदगी में उतारना हर किसी के बस की बात नहीं है. बात करें, आजकल की, तो एक-दूसरे को मनाना तो छोड़िए, लोग एक लड़ाई के बाद ही अपने-अपने रास्ते अलग कर लेते हैं. ऐसे मे कपल अपनी रिलेशनशिप को टिकाऊ बनाने के लिए क्या कुछ नहीं करते बल्कि कभी-कभी तो आलम ये होता है कि उन्हें कोई कुछ भी उपाय बताता है, तो वो यकीन करके, उसे अपनाना शुरू कर देते हैं.
‘भदैया कुंड’ में स्नान करने से बढ़ेगा प्यार
कपल के बीच प्यार बढ़ाने के लिए एक ऐसा ही झरना मशहूर है मध्यप्रदेश के शिवपुरी में. भदैया कुंड नाम से मशहूर इस कुंड के बारे में एक धारणा मशहूर है कि इस झरने में जो नवविवाहित जोड़े या कपल नहाते हैं, उनके बीच प्यार बढ़ने के साथ-साथ कभी लड़ाई नहीं होती है. प्रेमी युगल अपने बीच का प्यार बढ़ाने के लिए इस झरने में नहाने के लिए बड़ी दूर-दूर से आ रहे हैं.
करीब डेढ़ सौ साल पुराना है ये कुंड
इस कुंड के बारे में कहा जाता है कि ये कुंंड करीब डेढ़ सौ साल पुराना है और इसमें कभी भी पानी की कमी नहीं होती. ऐसा माना जाता है कि शिवपुरी सिंधिया रियासत की ग्रीष्मकालीन राजधानी थी. जब बारिश होती है, तो पानी चट्टानों से रिसकर एक वाटर फॉल का रूप ले लेता है. इसी वाटर फॉल का पानी एक मंदिर के ऊपर से गिरता है और एक कुंड में एकत्र हो जाता है.
पंडित और बाबा देते हैं इस कुंड में नहाने की सलाह
कुंड में नहाने आए कुछ कपल का कहना है कि उनके बीच बहुत लड़ाई-झगड़े होते थे, ऐसे में उन्होंने गृह शांति के लिए किसी पंडित की सलाह लेनी जरूरी समझा. एक पंडित ने उन्हें यहां स्नान करने की सलाह दी. इस झरने में नहाने से कपल के बीच प्यार बढ़ता है या नहीं, ये कहना तो मुश्किल है लेकिन एक साथ बिताए मौज-मस्ती भरे पलों से इनके चेहरों पर मुस्कान जरूर आ जाती है…Next
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