सर्दी आते ही गर्म बिस्तर छोड़ने का मन किसका करता है. आप सुबह जल्दी उठने के लिए कितने भी अलार्म लगा लीजिए, लेकिन जैसे ही अलार्म बजता है आप टाइम देखते हैं और घड़ी को थोड़ी देर के लिए स्नूज (snooze) कर देते हैं. ज्यादातर लोगों की यही आदत होती है. स्नूज करने के बाद जब 15 मिनट बाद दुबारा अलार्म बजता है, तो आप फिर से सोचते हैं कि अभी कुछ मिनट और सो लेना चाहिए. ऐसा करते हुए आप एक घंटा बिता देते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जब आप घड़ी को स्नूज कर रहे होते हैं, तो आप अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी पावर) कम करने के साथ अपने दिमाग को कमजोर कर रहे होते हैं.
शरीर और दिमाग पर पड़ता है बुरा असर
असल में अलार्म को ठीक उसी टाइम के लिए सेट करना चाहिए, जब आपको उठना हो. अगर आप सुबह सात बजे दिन शुरू करना चाहते हैं, तो आप थोड़ा जल्दी अलार्म लगाते हैं जैसे कि 5:00 बजे. इसके बाद आप स्नूज बटन दबाते रहेंगे और 6 से 6:15 हो जाता है, लेकिन यदि आप इस स्नूज स्ट्रेटजी को अपनाते हैं, तो आपका शरीर नहीं समझ पाता कि अलार्म बजने और उठने के बीच क्या है, इसलिए उसकी प्रतिक्रिया अजीब हो जाती है.
हमारा शरीर सीधा नियम आसानी से समझ पाता है, इसलिए अलार्म बजते ही बेड से उठ जाना चाहिए. जब हम स्नूज बटन के साथ खेलते रह जाते हैं, तो हमारा शरीर कंफ्यूज होता है, कई बार हम अगले 20 मिनट तक सोते रहते हैं और ये हम बार-बार करते रहते हैं. जिससे हमारे दिमाग पर बुरा असर पड़ता है. साथ ही आप पूरे दिन थकावट महसूस करते हैं. तो, अगर आप भी 5 मिनट और सोने के लालच में स्नूज बटन दबाते हैं तो अपनी इस आदत को बदल दीजिए…Next
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