अपराध एक ऐसा शब्द है जिसकी कल्पना मात्र से ही हम सिहर उठते हैं. एक आम इंसान के लिए इस शब्द में कई मतलब छिपे होते हैं. बात अगर अपराध की दुनिया की करें तो भारत भी इस फेहरिस्त में बहुत आगे खड़ा है. भारत में भी कई ऐसे अपराधी हैंं या थे जिन्होंने अपराध की दुनिया की शक्ल ही बदल दी. कुछ तो ऐसे थे जिनसे दुनिया खौफ खाती थी, और उनकी कहानियां किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं थी. आज हम आपको ऐसे ही कुछ कुख्यात अपराधियों के बारे में बताएंगे जिन्होंने अपराध का एक नया अध्याय लिखा.
दाऊद इब्राहिम
दाऊद इब्राहिम का नाम ही काफी है. आतंक का पर्याय माना जाने वाला दाऊद, भारत के मोस्ट वांटेड आतंकवादियों की सूची में पहले नंबर पर है, जबकि विश्व के सबसे खूंखार आतंकवादियों की सूची में तीसरे नंबर पर है. दाऊद भारत को अपना दुश्मन मानता है. लेकिन क्या आपको पता है कि जिसे वह अपना दुश्मन मानता है कभी उसी देश में उसका जन्म हुआ था. जिस मुंंबई शहर को उसने कई बम धमाकों से दहलाया है उसी शहर में उसका जन्म हुआ था. दाऊद ने जब अपराध की दुनिया में कदम ऱखा उसी दिन से उसने खुद को उस क्षेत्र का शहंंशाह मान लिया था. मुंंबई के डोंगरी इलाके से अपनी पहचान बनाने वाला दाऊद अब पूरी दुनिया में राज कर रहा है.
अब्दुल करीम तेलगी
करीम ने पुलिस, सरकार और अदालत तक के पसीने छूटा दिए थे. आप को जानकर हैरानी होगी कि तेलगी पर 25 मुकदमें चल रहे थे. तेलगी की टीम में करीब 300 लोग थे जो उसकी सहायता करते थे. तेलगी ने कई फर्जी स्टांप पेपरों का घोटला किया था जिसमेंं से मुख्य थे बैंक, बीमा कंपनियां, शेयर ब्रोकिंग. माना तो यह भी जा रहा है कि तेलगी के साथ कई पुलिस के आला आधिकारी भी शामिल थे. साथ ही उसे राजनैतिक सर्मथन भी मिला हुआ था. करीम तेलगी को पुणे की एक अदालत ने 13 साल की सजा सुनाई है.
वीरा स्वामी
फ्लिपकार्ट कंपनी किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं. लेकिन फ्लिपकार्ट की एक ऐसी कहानी भी है जो किसी फिल्मी स्टोरी की तरह ही लगती है. फ्लिपकार्ट को हैदराबाद के एक 32 वर्षीय वीरा स्वामी ने करीब 20 लाख रुपए की चपत लगाई थी, वो भी घर बैठे-बैठे. वीरा ने फ्लिपकार्ट से हर वो कुछ ऑर्डर किया जो वहां पर मिलता था. उन्होंने अपने परिवारवालों के नाम पर और अपने पड़ोसियों के नाम पर यह सब कुछ ऑडर किया. जब फ्लिपकार्ट यह सब सामान घर पर पहुंचा जाता था तब वीरा उन्हीं सामानों को फर्जी सामानों से बदलकर कंपनी को इसके खराब होने की शिकायत करता था. उसने कई फर्जी मेल आईडी और बैंक अकॉउट भी खोल रखे थे. जब तक वह पकड़ा जाता तब तक उसने फ्लिपकार्ट को 20 लाख का चूना लगा दिया था.
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मोहन सिंह
अक्षय कुमार की फिल्म स्पेशल 26 तो आपको याद ही होगी. यह फिल्म जिस कहानी पर बनी थी उस शख्स का नाम मोहन सिंह था. मोहन सिंह ने सच में वो सब कुछ किया था जो इस फिल्म में दिखाया गया था. मोहन के कारनामे ने सबको सकते में ड़ाल दिया था. मोहन सिंह ने अखबार में नौकरी वाला विज्ञापन देकर एक सीबीआई की एक नकली टीम बनाई और भीम जी झावेरी की शॉप पर रेड मारी. जब तक किसी को कुछ समझ में आता मोहन पुलिस की पहुंच से बहुत दूर था और आज तक पकड़ा भी नहीं जा सका.
केतन पारिख
शेयर दलाल केतन पारिख ने शेयर बाजार को अपने कारनामों से ना केवल चौंकाया बल्कि बाजार को 171 पॉइंट तक गिरा भी दिया था. केतन ने कई छोटी-छोटी कंपनियों को हाई ग्रोथ वाली कंपनी के तौर पर फर्जी तरीके से पेश किया. फिर बड़े पैमाने पर शेयर बाजार में पैसे की हेरा-फेरी की. केतन ने भारत के सरकारी बैंक, बैंक ऑफ इंडिया को भी बड़े पैमाने पर लूटा था.
लाभ सिंह
12 फरवरी 1987 में लुधियाना में पंजाब नेशनल बैंक में अब तक की सबसे लूट हुई थी. इस लूट में पुलिस को गुमराह किया गया था. लाभ सिंह ने बैंक को 6 करोड़ रुपये का चूना लगा दिया था. लूट के दौरान बैंक से ही फोन करके पुलिस को किसी और बैंक में डकैती की सूचना दी जिससे पुलिस गुमराह हो गई.
सार्थक बबरास
अगर आपने हॉलीवुड फिल्म ‘कैच मी इफ यू कैन ‘ देखी होगी तो आप इस कहानी को अच्छे से समझ सकते हैं. सार्थक को रोज की नौकरी पंसद नहीं आई तो सार्थक ने कुछ और करने की सोची. सार्थक खुद को सरकार का खास आदमी बताता था और उसी नाम से होटल बुक करता था. वह भी पांच सितारा. फिर होटल में एक फर्जी आईडी कार्ड दिखाकर वह अपना परिचय उस नौकरशाह के रिश्तेदार के तौर पर देता था. सार्थक को हर बार पुलिस एक चेतावनी या कुछ महीनों की जेल देकर छोड़ देती थी… Next
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