वो एक ज़माना था जब टीवी चैनल के नाम पर भारत में दूरदर्शन के आगे-पीछे कोई न था. डीडी पर इतिहास, संस्कृति, धार्मिक आदि विषयों पर आधारित धारावाहिकों का निर्माण और प्रसारण किया जाता था. दर्शकों के बीच ये काफी लोकप्रिय थे. लोग एक-दूसरों के घरों में इन धारावाहिकों को देखने जाते थे. कुछ धारावाहिक तो ऐसे थे जिसके पात्रों को लोग वास्तव में भगवान समझ उनके सामने हाथ जोड़ खड़े होते थे. तो चलिए, ऐसी ही कुछ अत्यंत प्रसिद्ध धारावाहिकों की याद फिर से ताज़ा करते हैं और जानते हैं उनसे जुड़ी कुछ अनसुनी बातें…..
1. महाभारत
भारतीय टेलीविज़न के इतिहास में एक ऐसा धारावाहिक जो अत्यंत प्रसिद्ध हुआ अथवा जिसे सबसे अधिक देखा गया तो बेशक वो महाभारत ही है. बी.आर चोपड़ा द्वारा निर्मित और रवि चोपड़ा द्वारा निर्देशित इस धारावाहिक को अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिली. रविवार को सुबह 9 से 10 के बीच प्रसारित किये जाने वाले इस धारावाहिक को बीबीसी भी प्रसारित करता था. इसमें कृष्ण का किरदार निभाने वाले नितीश भारद्वाज के संवादों और चेहरे के तेज का लोगों पर इतना असर था कि कई लोग स्क्रीन पर इनको देखते ही हाथ जोड़ कर प्रणाम करने की मुद्रा में आ जाते थे. रविवार को सुबह 9 से 10 के बीच में गलियाँ, सड़कें और मोहल्ले सुनसान हो जाते थे. बहुत कम लोगों को पता है कि महाभारत के अत्यंत प्रसिद्ध संवाद एक भारतीय मुसलमान ‘राही मासूम रज़ा’ ने लिखे थे.कहा जाता है कि बी.आर चोपड़ा ने रज़ा को महाभारत के लिए संवाद लिखने को कहा. लेकिन अस्वस्थ होने के कारण उन्होंने इसको लिखने से मना कर दिया. इस पर चोपड़ा के कुछ दोस्तों ने रज़ा के पीठ पीछे उनका मज़ाक उड़ाया. किसी तरह ये बात रज़ा के कानों तक पहुँची. फिर क्या था उन्होंने अपने सेहत की परवाह किए बगैर महाभारत के लोकप्रिय संवाद लिख डाले.
2. रामायण
दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाली पहली धार्मिक प्रकृति की धारावाहिक रामायण थी. इसका निर्माण और निर्देशऩ रामानंद सागर ने किया था. इस धारावाहिक की प्रसिद्धि का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि धारावाहिकों के दर्शकों के मामले में इसने कई कीर्तिमान स्थापित किए. टेलीविज़न के परदे पर महाभारत के आने से पहले सबसे अधिक दर्शकों का कीर्तिमान रामायण के नाम पर ही था. बहुत कम लोगों को पता है कि इसमें हनुमान का किरदार निभाने वाले पहलवान दारा सिंह पहले ऐसे भारतीय खिलाड़ी हैं जिनका नामांकन राज्यसभा के लिए किया गया था.
3. शक्तिमान
वो दौर था जब स्कूली बच्चे अपनी पाठ्यपुस्तकों के बीच कॉमिक्स छुपा कर ले जाते थे और कक्षा में शिक्षकों से छुपा कर उसे पढ़ते थे. उनके दिलो-दिमाग पर सुपर कमांडो ध्रुव, नागराज और डोगा ने कब्ज़ा जमा लिया था. उसी वक्त उनके दिलो-दिमाग में बसे उन सुपर हीरो की छवि को वास्तविक आकार देने की सफल कोशिश की दूरदर्शन पर आने वाले धारावाहिक शक्तिमान ने. शक्ति…. शक्ति…. शक्तिमान…..वाले धुन पर बच्चे न सिर्फ खुश होते थे बल्कि शक्तिमान की तरह गोल-गोल घूमने के चक्कर में हाथ-पैर तुड़वा बैठते थे.
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4. कौनबनेगाकरोड़पति
यह भारतीय टेलीविज़न चैनल पर प्रसारित होने वाला पहला प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम था. दरअसल यह एक खेल कार्यक्रम था जिसे अमिताभ बच्चन की आवाज़ ने लोकप्रिय बनाया. इस कार्यक्रम की मेज़बानी शाहरूख खान ने भी की है. कहा जाता है कि अगर ‘कौन बनेगा करोड़पति’ धारावाहिक न होता तो शायद अमिताभ बच्चन अपना कर्ज़ नहीं चुका पाते. कहते हैं कि वर्ष 2000 में उनके पास न कोई फिल्म थी और न ही पैसा. मुंबई उच्च न्यायालय ने उन्हें मुंबई स्थित उनके बंगलों को बेचने पर तब तक की पाबंदी लगा दी थी जब तक कि वो बैंकों के बकाये रकम का भुगतान नहीं करते.
5. कॉमेडी नाइट्स विद कपिल
कॉमेडी नाइट्स विद कपिल एक हास्य-नाट्य धारावाहिक है. इस धारावाहिक को देखने वाले दर्शकों की संख्या केबीसी को देखने वाले दर्शकों की संख्या से ज्यादा है. अपने दर्शकों की संख्या के हिसाब से यह टेलीविज़न इतिहास में सबसे अधिक देखे जाने वाली धारावाहिक बन चुकी है. कपिल को दि ग्रेट इंडियन लॉफ्टर चैलेंज शो के शुरूआती दौर में ही निकाल दिया गया था. लेकिन फिर बाद में उन्हें वापस बुलाया गया और उन्होंने प्रतियोगिता जीत कर निर्णायकों द्वारा उन्हें वापस बुलाने के फैसले को सही साबित करके दिखाया.Next……
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