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भारत में इस जगह पर हुई टूटते तारे से होने वाली पहली मौत!

“ज़िन्दगी और मौत तो ऊपर वाले वाले के हाथ है जाँहपनाह, कब कौन कहाँ उठेगा कोई नहीं जानता “. इन्ही पंक्तियों की सत्यता पर आधारित एक व्यक्ति की मृत्यु बड़े विचित्र तरह से हुई है. दुनियां में पहली बार किसी इंसान की मौत एक उल्कापिंड यानी टूटते तारे की वजह से हुई है.


तमिलनाडु में हुई बस ड्राइवर मौत

तमिलनाडु में घटी इस घटना में एक ड्राइवर की मौत हो गयी और 3 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे. सूत्रों के अनुसार भारत के दक्षिणी राज्य ‘तमिलनाडु’ में एक बस ड्राइवर कॉलेज कैंपस के पास पानी पी रहा था और अचानक एक उल्कापिंड के गिरने से उसकी मौत हो गयी.


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4 फ़ीट गहरा गड्ढा हुआ

‘भारथीदसन इंजीनियरिंग कॉलेज’ के प्रिंसिपल के अनुसार “लगभग दोपहर 12 :30 का समय था , अचनाक कुछ फटने की बहुत तेज आवाज़ हुई. एक पल को लगा कही कोई बम फट गया,  बाहर जाकर देखा तो हमारे कैंपस में कैफेट एरिया के पास किसी अनजान वस्तु के कारण 4 फ़ीट गहरा गड्ढा हो गया है. जाँच के बाद पता चला यह अनदेखी वस्तु ‘मेटेओर’ (उल्कापिंड ) थी.


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मंगल मिशन के इस प्रमुख वैज्ञानिक का एक और अवतार


आवाज़ 3 किलोमीटर दूर तक सुनाई दी

मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने एक विचित्र चीज़ को धरती की तरफ बढ़ते हुए देखा,  जैसे ही यह ज़मीन से टकरायी बहुत तेज धमाका हुआ जिसकी आवाज़ 3 किलोमीटर दूर तक सुनाई दी और आस – पास खड़ी गाड़ियों और क्लासरूम्स की खिड़कियों के शीशे चूर-चूर हो गए. स्कूल में काम कर रहे दो माली और एक स्टूडेंट भी इसकी वजह से गंभीर रूप से घायल हो गए.


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मौत उल्कापिंड के कारण हुई

तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने इस तथ्य की पुष्टि करते हुए कहा कि ” कॉलेज कैंपस में मारे गए ड्राइवर ‘कामराज’ की मौत वहाँ गिरे उल्कापिंड के कारण हुई है और सहानुभूति जताते हुए मृतक के परिवार को 1,00,000 तथा घायलों को 25,000 रूपये की आर्थिक मदद की घोषणा की.


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वैज्ञानिक नहीं जता रहे हैं सहमित

हालाँकि वैज्ञानिक पूरी तरह से इस तथ्य से सहमत नहीं है. उनके अनुसार किसी छोटे कॉमेट के फटने के कारण किसी इंसान की मौत होने की बहुत कम सम्भावना होती है. बहुत सारे उल्कापिंड पृथ्वी पर पहुँचने से पहले ही नष्ट  हो जाते हैं और अगर यह बात वैज्ञानिक रूप से सिद्ध होती है, तो यह दुनिया के इतिहास में कॉमेट से होने वाली पहली मौत होगी. दरअसल नासा के मुताबिक अभी तक उल्कापिंड से मरने वाले का कोई रिकॉर्ड नहीं है...Next


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