भारत जैसे देश में चमत्कार होना अब कोई हैरानी वाली बात नहीं रह गई है. कभी भगवान की मूर्तियों के दूध पीने की खबर आती है तो कभी किसी पेड़ पर भगवान के दर्शन ही हो जाते हैं. अगर कभी चमत्कार स्वयं ना हो तो छोटे-छोटे इत्तेफाकों को चमत्कार का नाम देकर प्रचारित कर दिया जाता है. इसके लिए हम अशिक्षा को भी दोषी नहीं ठहरा सकते क्योंकि शिक्षित लोग भी बहुत जल्द इन चमत्कारों को अपनी स्वीकृति दे देते हैं. खैर अब इन चमत्कारों की सूची में थोड़ा और इजाफा हो गया है क्योंकि अब धरती पर विष्णु भगवान के अवतार ने जन्म लिया है और वो भी कछुए के रूप में.
डाकोर (गुजरात) में यह अनोखा कछुआ अत्याधिक ख्याति बटोर रहा है. लोग इसकी एक झलक पाने के लिए उतावले हो रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कछुआ कोई आम जंतु नहीं है. निश्चित ही यह ईश्वर के अवतार के रूप में इस दुनियां में आया है.
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उल्लेखनीय है कि इस कछुए की पीठ पर एक आकृति बनी हुई है, जो गौर से देखने पर हिंदू धर्म के अनुसार विष्णु का रूप लगती है. इस कछुए को आखिरी बार गोमती नदी के किनारे पर देखा गया था. अब गांव वाले इसकी तलाश में लगे हुए हैं. कोई इस कछुए के दर्शन से वंचित ना रह जाए इसीलिए अब वहां लोगों का जमावड़ा लगा ही रहता है.
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वैसे यह कोई पहला मसला नहीं है कछुए के रूप में भगवान के अवतार लेने का. कुछ साल पहले भी भुवनेश्वर में एक ऐसे कछुए के होने की बात सामने आई थी जिसकी पीठ पर भगवान जगन्नाथ की आंखों जैसी आकृति थी. तब भी उसे भगवान विष्णु का अवतार माना जा रहा था. अब इन अवतारों के पीछे क्या सच्चाई है इस पर विचार करना शायद आवश्यक नहीं है. क्योंकि जो लोग ऐसी घटनाओं को मात्र मनोरंजन के लिए लेते हैं वह कभी भी इन्हें अवतार नहीं मानेंगे और जो लोग अवतार जैसे मुद्दों पर विश्वास करते हैं वह अपनी आस्था को छोड़ेंगे नहीं.Next…
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