जब आप राह चलते किसी भिखारी को अन्य लोगों के सामने भीख मांगते देखते हैं या बस कुछ रुपयों के लिए उन्हें गिड़गिड़ाते हुए देखते हैं तो भले ही थोड़ी देर के लिए ही लेकिन उनके हालातों को देखकर आपका दिल जरूर पसीजता होगा. फटे-पुराने कपड़े पहने किसी गरीब व्यक्ति को ठंड के मौसम में ठिठुरते हुए देखना बेहद मार्मिक दृश्य होता है. शिक्षा का अभाव और आय का असमान वितरण बेरोजगारी की दर को और अधिक बढ़ावा दे रहा है. अपने परिवार का पालन-पोषण करना सभी के लिए जरूरी होता है, फिर बेरोजगारी के चलते अगर भीख भी मांगनी पड़े तो कभी-कभार वह भी सहर्ष स्वीकार कर लिया जाता है. जहां गरीब और बेरोजगार लोगों के पास अपने परिवार के लिए खाने का इंतजाम करना भी बेहद मुश्किल पड़ जाता है वहीं धनवान लोग अपनी शान-शौकत दिखाने का एक छोटा सा अवसर भी गंवाना नहीं चाहते. ऐसे धनवान लोग जिनके लिए अभाव जैसा शब्द कोई मायने नहीं रखते वह केवल लग्जरी जीवन जीने में ही विश्वास रखते हैं.
भीख मांगकर अपना घर चलाना किसी के लिए शर्मिंदगी भरा अहसास हो सकता है. इंसान मजबूरी और विवशता के कारण ही भीख मांगता है, लेकिन क्या कभी आपने करोड़पति व्यक्ति, जिसके पास धन-दौलत की कोई कमी नहीं है उसे भीख मांगते देखा या सुना है.
हो सकता है कुछ लोगों को यह बात अविश्वसनीय लगे लेकिन गुजरात में एक करोड़पति भीख मांगता है और वह भी सिर्फ अपना टाइम-पास करने के लिए. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन के पास करोड़ों के बंगले में रहने वाले मुकुंद गांधी हर रोज जमालपुर मार्केट के निकट तीन घंटे भीख मांगता है.
मुकुंद घर पर अकेले बोर हो जाता है इसीलिए वह अपना समय भीख मांगकर व्यतीत करता है. उसे यह टाइम-पास करने का एक बेहतर माध्यम लगता है. मुकुंद का बेटा लंदन में पढ़ाई कर रहा है और बेटी मुंबई में एक कंपनी में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर कार्यरत है. 63 वर्षीय मुकुंद के घर में बहुत सारे नौकर-चाकर हैं जो उसकी हर जरूरत का ख्याल रखते हैं और समय पर दवाई और खाना देते हैं. लेकिन पारिवारिक जनों की अनुपस्थिति मुकुंद को यह सब करने के लिए विवश करती है.
उल्लेखनीय है कि पत्नी की मृत्यु मुकुंद के लिए किसी सदमे से कम साबित नहीं हुई. पड़ोसियों के मुताबिक पत्नी की मौत के बाद उन्होंने आत्महत्या का प्रयास भी किया था, लेकिन उन्हें बचा लिया गया.
मनोचिकित्सकों के अनुसार मुकुंद सीजोफ्रेनिया से पीड़ित हैं. इस बीमारी में इंसान अकेले रहने से घबराता है. मुकुंद के करीबियों के मुताबिक पत्नी की मौत और बच्चों की दूरी उन्हें अकेलेपन का अहसास करवाती रहती है इसीलिए वह सड़कों पर भीख मांगकर खुद को व्यस्त रखने का प्रयास करते हैं.
Read Hindi News
Read Comments