पानी में है यह भव्य महल, 300 साल पहले बनकर हुआ था तैयार
भारत के गुलाबी नगर जयपुर की ‘मानसागर’ झील के बीच बसा ‘जलमहल’ अद्भुत सौन्दर्य का उदाहरण है. अब से लगभग 300 साल पहले आमेर के महाराज ने 1799 में इस महल का निर्माण कराया. आइए जानते हैं इस जलमहल के निर्माण की कहानी
अकला पड़ने के बाद हुआ निर्माण
जलमहल के निर्माण के पीछे एक विशेष कारण था जिससे बहुत कम लोग परिचित हैं, जब 15 वीं शताब्दी में इस क्षेत्र में अकाल पड़ने पर आमेर के शासक ने बाँध बनाने का निश्चय किया ताकि आमेर और अमागढ़ के पहाड़ों से निकलने वाली पानी को इकठ्ठा किया जा सके और पानी के निकास के लिए पानी के भीतर 3 आंतरिक दरवाजे बनाये और मानसागर झील बनाकर तैय्यार हो गयी.
जलमहल पाँच मंज़िला इमारत है
इस झील की सुंदरता उस समय के राजाओं के आकर्षण का केंद्र थी और राजा अक्सर नाव में बैठ इसकी सैर किया करते थे जिससे उनको क्षणिक आनंद की प्राप्ति होती थी लेकिन राजा ‘सवाई जयसिंह’ ने झील के बीचों बीच महल बनाने का निश्चय किया ताकि वह अश्वमेघ यज्ञ के बाद अपनी रानी और पंडितों के साथ झील के मध्य में शाही स्नान कर सके. झील के बीच अपनी दास्ताँ सुनाता जलमहल पाँच मंज़िला इमारत है जिसकी 4 मंज़िल पानी के भीतर बनी हैं और एक पानी के ऊपर नज़र आती है.
शाही परिवार की देन है
इस महल की पाँचों मंज़िल हॉलनुमा बनायीं गयी हैं जिसके आगे की तरफ चारों और बालकनी बनायीं गयी हैं जहाँ खड़े होकर हवा के झोकों का लुफ्त उठाया जा सके . इसके चारों और बने 20 खम्भे राजा जयसिंह के शाही परिवार के प्रभुत्व को दर्शाते हैं. जलमहल के प्रत्येक कोने में की गयी नक्काशी उस समय के राजाओं के कला प्रेम को बखूबी बयाँ करती है.
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झील का पानी हुआ दूषित
ऐसा माना जाता है कि उस समय के राजा इस महल का उपयोग अपने मनोरंजन के लिए करते थे . शान्तिपूर्ण वातावरण में समय व्यतीत करने के लिए राजा अक्सर यहाँ आते थे और कई बार बत्तख और रंग – बिरंगी चिड़ियाँओं का शिकार भी करते थे . धीरे-धीरे राजों की आवाजाही कम हो गयी और समय के साथ बढ़ते प्रदूषण के कारण जलमहल की झील का पानी दूषित हो गया जिसके कारण यह महल लगभग 200 के लिए वीरान हो गया .
सरकार ने दोबारा खोला जलमहल
लेकिन सन 2000 में राजस्थान सरकार ने जलमहल की पर्यावरणीय स्तिथि में सुधार कार्य प्रारम्भ किया और नीतजन जयपुर का यह स्मारक अब सैलानियों के लिए खुल चुका है . अब आप नाव की सैर करते हुए इस सौंदर्य से परिपूर्ण इमारत का दीदार कर सकते हैं .
जलमहल के ऊपर बने हैंगिग गार्डन में जाकर आपको प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव होगा और चाँदनी रात के समय पानी में दिखने वाला जलमहल का प्रतिबिम्ब निश्चित रूप से आपका मन मोह लेगा…Next
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अकाल पड़ने के बाद हुआ निर्माण
जब 15 वीं शताब्दी में इस क्षेत्र में अकाल पड़ने पर आमेर के शासक ने बाँध बनाने का निश्चय किया, ताकि आमेर और अमागढ़ के पहाड़ों से निकलने वाली पानी को इकठ्ठा किया जा सके और पानी के निकास के लिए पानी के भीतर 3 आंतरिक दरवाजे बनाये और मानसागर झील बनकर तैयार हो गयी.
जलमहल पाँच मंज़िला इमारत है
इस झील की सुंदरता उस समय के राजाओं के आकर्षण का केंद्र थी और राजा अक्सर नाव में बैठ इसकी सैर किया करते थे, जिससे उनको क्षणिक आनंद की प्राप्ति होती थी, लेकिन राजा ‘सवाई जयसिंह’ ने झील के बीचों बीच महल बनाने का निश्चय किया ताकि वह अश्वमेघ यज्ञ के बाद झील के मध्य में शाही स्नान कर सके. झील के बीच अपनी दास्ताँ सुनाता जलमहल पाँच मंज़िला इमारत है जिसकी 4 मंज़िल पानी के भीतर बनी हैं और एक पानी के ऊपर नज़र आती है.
शाही परिवार की देन है
इस महल की पाँचों मंज़िल हॉलनुमा बनायीं गयी हैं जिसके आगे की तरफ चारों और बालकनी बनायीं गयी हैं जहाँ खड़े होकर हवा के झोकों का लुफ्त उठाया जा सके . इसके चारों और बने 20 खम्भे राजा जयसिंह के शाही परिवार के प्रभुत्व को दर्शाते हैं. जलमहल के प्रत्येक कोने में की गयी नक्काशी उस समय के राजाओं के कला प्रेम को बखूबी बयाँ करती है.
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झील का पानी हुआ दूषित
ऐसा माना जाता है कि उस समय के राजा इस महल का उपयोग अपने मनोरंजन के लिए करते थे . शान्तिपूर्ण वातावरण में समय व्यतीत करने के लिए राजा अक्सर यहाँ आते थे और कई बार बत्तख और रंग – बिरंगी चिड़ियाँओं का शिकार भी करते थे . धीरे-धीरे राजों की आवाजाही कम हो गयी और समय के साथ बढ़ते प्रदूषण के कारण जलमहल की झील का पानी दूषित हो गया जिसके कारण यह महल वीरान हो गया .
सरकार ने दोबारा खोला जलमहल
लेकिन सन 2000 में राजस्थान सरकार ने जलमहल की पर्यावरणीय स्तिथि में सुधार कार्य प्रारम्भ किया और नीतजन जयपुर का यह स्मारक अब सैलानियों के लिए खुल चुका है. अब आप नाव की सैर करते हुए इस सौंदर्य से परिपूर्ण इमारत का दीदार कर सकते हैं .
जलमहल के ऊपर बने हैंगिग गार्डन में जाकर आपको प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव होगा और चाँदनी रात के समय पानी में दिखने वाला जलमहल का प्रतिबिम्ब निश्चित रूप से आपका मन मोह लेगा…Next
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