भारत में शायद ही कोई नागरिक होगा जो सरकार की बिगड़ी व्यवस्थाओं से परिचित न हो. घर से बाहर निकलते हुए हमें न चाहकर उन चीजों से रुबरु होना पड़ जाता है जहां हम कहने पर मजबूर हो जाते हैं कि ‘यह इंडिया है यहां ऐसा ही होता है’- चलिए हम आपको असली इंडिया का दर्शन कराते हैं.
रेल लाइने बिछ रही हैं लेकिन पटरी के बीचों बीच पर्यावरण का भी ख्याल रखा जा रहा है.
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आप भी देखिए कैसे सफलता की सीढ़ी शुरू होते ही खत्म हो गई
भाई साहब! वह सब तो ठीक है, यह बताइए किस चसमें से देखूं यह कॉनटेक्ट नंबर
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क्यों जिंदा आदमी को स्वर्गवासी बनाने पर तुले हुए हो
थोड़ी सी जगह का भरपूर इस्तेमाल करना कोई इनसे सीखे
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लगता है, यह घड़ी किसी और ग्रह की है
इन्होंने तो धरती-पाताल एक कर दिया है
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डू नॉट डिस्टर्ब, ये मेरे आनंद लेने का समय है
विकास के साथ-साथ पर्यावरण का भी ख्याल रखा जा रहा है
मोदी के स्वच्छ अभियान में दुर्गंध फैला सकते हैं ये लोग
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