‘स्वॉलवएर गोट नॉर्वे’ का एक प्रसिद्ध पर्वत शिखर है. जैसा कि इसके नाम से पता चलता है, इस टावर की बनावट बकरी के सींगों की तरह है. स्वॉलवएर गॉट हॉर्न टावर इन दिनों पर्वतारोहियों की पहली पसंद बन गया है. रोमांच पसंद करने वाले पर्वतारोही ग्रेनाइट टावर पर जम्प करके अदम्य साहस का प्रदर्शन करते हैं. 1 अगस्त 1910 में कर्ल रुरुबेंसन, अल्फ बी ब्रैन और फरडीनैंड की तिकड़ी पहली बार गोट हॉर्न की चोटी पर पहुँची.
इसी ट्रिप के दौरान इन तीनों ने ऐसे ही दो और चोटियों ‘त्रक्ता और स्टेटिंड’ पर विजय हासिल की. यह टावर ग्रेनाईट पत्थर से बन हुआ है. इसके शिखर पर पहुंचने के बाद लगभग सभी पर्वतारोही सालों पुरानी परम्परा को फॉलो करते हुए बड़े सींग से छोटे सींग पर छलांग लगाते हैं. इन दोनों हॉर्न के बीच लगभग 1. 5 मीटर का गैप है.
हालाँकि 1. 5 मीटर की यही दूरी अधिक नहीं है लेकिन आपका एक गलत कदम आपको हॉर्न टावर की चोटी से 150 मीटर नीचे इसके तले पर पहुंचा सकता है, जो किसी भी व्यक्ति की लिए प्राणघातक साबित हो सकता है. 2008 में छोटे हॉर्न का 3 क्यूबिक मीटर हिस्सा टूट कर गिर जाने से, दो हॉर्न के बीच की यह छलांग और भी अधिक खतरनाक हो गयी है.
जिस हिस्से पर व्यक्ति छलाँग लगाकर अपने पैर टिकाता है, टावर का वही भाग गायब है, जो पर्वतारोहियों में छलाँग लगाते वक़्त एक अलग तरह का रोमांच पैदा करता है जो अपने प्रयास में सफल होने पर विशेष संतुष्टि को महसूस करते हैं. पर्वतारोही जून और जुलाई की दोपहरी को इस टावर पर चढ़ने के लिए सबसे सही समय मानते हैं. 9 साल के मैगनस होल्म ‘गॉट हॉर्न’ चोटी पर पहुंचने वाले अब तक सबसे कम उम्र के व्यक्ति हैं…Next
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