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50 अरब 75 करोड़ तक कुछ घंटे में हुए खर्च, ऐसे लगाया गया ब्लैकमनी को ठिकाने

8 नवम्बर, 2016 को रात 8 बजे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने एक महत्वपूर्ण उद्घोषणा के साथ जनता को संबोधित करते हुए कहा कि “आज रात 12 बजे के बाद 500 और 1000 के बड़े नोट कुछ इमरजेंसी स्थानों के अलावा सभी स्थानों पर बंद कर दिए जाएँगे “. वास्तव में यह निर्णय भारत  में छिपे कालेधन को उजागर करने के  प्रयोजन से लिया गया .  अचानक आये इस फैसले को जहाँ सामान्य वर्ग ने दिल से स्वीकार किया, वही दूसरी ओर काला धन जमा करने वालों के पैरों तले ज़मीन खिसक गयी और उन्होंने 4 घंटे के भीतर इस जमा धन की उपयोगिता को बनाये रखने के लिए ये तरीके इख्तियार किये.
सोना-चाँदी, जेवराहत – टैक्स ना  चुकाने की मंशा से, संग्रह की गयी  नोटों की गड्डियाँ कुछ ही घंटो में कागज़ के ढेर में दब्दील होने जा रही थी, जिसके चलते जमाखोरों ने इसकी कीमत वसूलने के उद्देश्य से ज्वैलरी की दुकानों  का रुख किया  . अनेक ज्वेलर्स ने अपनी  दुकानें 8 नवम्बर को देर  रात तक खोली  . मुम्बई एजेंसी के अनुसार वहाँ पर कुछ ही घंटो में लगभग 50 अरब 75 करोड़ रूपये का सोना बेच गया  . ब्लैक मनी का फायदा उठाते हुए कुछ सुन्हारो मनमानी कीमत पर सोना बेचा.
नोटबंदी की घोषणा के साथ, अनेक इल्ट्रोनिक आइटम्स की दुकानों पर पब्लिक की अच्छी खासी भीड़ देखने को मिली. अनेक लोग मोबाइल शॉप पर बिना जरूरतर के ही मोबाइल खरीद रहे थे  ताकि वह अपने काले धन में से कुछ हिस्से के उपयोग का सुख पा सके. दूसरी तरफ वेडिंग प्लानर और कैटरर्स के फ़ोन की घंटियाँ लगातार बुकिंग के लिए बज रही थी  . लोग बिना डिटेल लिए फ़ोन पर शादियों के लिए मैरिज हॉल और फार्म हाउस बुक करने में लगे थे .
भारत में बड़े नोटों के बंद होने के साथ लोग अपने रिश्तेदारों, दोस्तों से संपर्क कर उनको अपना जमा धन उनके अकाउंट में ट्रांसफर करने की गुजारिश कर रहे थे. जो लोग कभी अपने माता पिता को पूछते तक नहीं थे अब उनसे अपना काल धन उनके बैंक खातों में जमा करने की प्रार्थना कर रहे  हैं कुछ समय के लिए ही सही मोदी जी के इस फैसले ने निम्न वर्ग के तबके को इज़्ज़त दिला  दी. जी हाँ लोगों ने काला धन छिपाने के लिए अपने नोकरों तक का साथ माँगा, और ऐसा करने के लिए उनको हज़ारों रूपये देने का वायदा भी किया.
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लोगों ने अपने ट्रेवल एजेंट्स से ट्रेन और फ्लाइट्स की महँगी टिकेट बुक कराई और अपने काले धन को नयी मुद्रा में बदलने के प्रयास में उनको कैंसिल भी कराया. भारतीय रेलवे के प्रवक्ता अनिल कुमार सैक्सेना के अनुसार – उस रात अचानक रेल की फर्स्ट क्लास टिकेट की बिक्री में अत्यधिक बढ़ोत्तरी दर्ज की गयी.
मुम्बई की एक वृद्ध महिला ने बताया कि उन्होंने अपनी 5,00,000 रूपये की धनराशि को अपने घर में काम करने वालों 4 नोकरों के खातों में जमा कराया  .इस तरह अनेक लोगों ने अपनी जमा राशि को अलग अलग बैंक खातों में ट्रांसफर किया…Next
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8 नवम्बर, 2016 को रात 8 बजे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने एक महत्वपूर्ण उद्घोषणा के साथ जनता को संबोधित करते हुए कहा कि “आज रात 12 बजे के बाद 500 और 1000 के बड़े नोट कुछ इमरजेंसी स्थानों के अलावा सभी स्थानों पर बंद कर दिए जाएँगे .“ वास्तव में यह निर्णय भारत में छिपे कालेधन को उजागर करने के  प्रयोजन से लिया गया. अचानक आये इस फैसले को जहाँ सामान्य वर्ग ने दिल से स्वीकार किया, वहींं दूसरी ओर काला धन जमा करने वालों के पैरों तले ज़मीन खिसक गयी और उन्होंने 4 घंटे के भीतर इस जमा धन की उपयोगिता को बनाये रखने के लिए ये तरीके इख्तियार किये.


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प्रतीकात्मक चित्र

सोना-चाँदी, जेवराहत – टैक्स ना चुकाने की मंशा से, संग्रह की गयी  नोटों की गड्डियाँ कुछ ही घंटो में कागज़ के ढेर में दब्दील होने जा रही थी, जिसके चलते जमाखोरों ने इसकी कीमत वसूलने के उद्देश्य से ज्वैलरी की दुकानों  का रुख किया. अनेक ज्वेलर्स ने अपनी  दुकानें 8 नवम्बर को देर रात तक खोली. मुम्बई एजेंसी के अनुसार वहाँ पर कुछ ही घंटोंं में लगभग 50 अरब 75 करोड़ रुपये का सोना बेच गया. ब्लैक मनी का फायदा उठाते हुए कुछ सुनारों ने मनमानी कीमत पर सोना बेचा.


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नोटबंदी की घोषणा के साथ, अनेक इलेक्ट्रोनिक आइटम्स की दुकानों पर पब्लिक की अच्छी खासी भीड़ देखने को मिली. अनेक लोग मोबाइल शॉप पर बिना जरूरतर के ही मोबाइल खरीद रहे थे, ताकि वह अपने काले धन में से कुछ हिस्से के उपयोग का सुख पा सके. दूसरी तरफ वेडिंग प्लानर और कैटरर्स के फ़ोन की घंटियाँ लगातार बुकिंग के लिए बज रही थी. लोग बिना डिटेल लिए फ़ोन पर शादियों के लिए मैरिज हॉल और फार्म हाउस बुक करने में लगे थे .


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भारत में बड़े नोटों के बंद होने के साथ लोग अपने रिश्तेदारों, दोस्तों से संपर्क कर उनको अपना जमा धन उनके अकाउंट में ट्रांसफर करने की गुजारिश कर रहे थे. जो लोग कभी अपने माता पिता को पूछते तक नहीं थे, अब उनसे अपना काल धन उनके बैंक खातों में जमा करने की प्रार्थना कर रहे  हैं, कुछ समय के लिए ही सही मोदी जी के इस फैसले ने निम्न वर्ग के तबके को इज़्ज़त दिला  दी. जी हाँ लोगों ने काला धन छिपाने के लिए अपने नौकरों तक का साथ माँगा, और ऐसा करने के लिए उनको हज़ारों रुपये देने का वायदा भी किया.


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Read: ये है ‘खजाना बैंक’ यहां के मैनेजर की उम्र है 12 साल


लोगों ने अपने ट्रेवल एजेंट्स से ट्रेन और फ्लाइट्स की महँगी टिकेट बुक कराई और अपने काले धन को नयी मुद्रा में बदलने के प्रयास में उनको कैंसिल भी कराया. भारतीय रेलवे के प्रवक्ता अनिल कुमार सैक्सेना के अनुसार – उस रात अचानक रेल की फर्स्ट क्लास टिकेट की बिक्री में अत्यधिक बढ़ोत्तरी दर्ज की गयी.



मुम्बई की एक वृद्ध महिला ने बताया कि उन्होंने अपनी 5,00,000 रुपये की धनराशि को अपने घर में काम करने वालों 4 नौकरों के खातों में जमा कराया. इस तरह अनेक लोगों ने अपनी जमा राशि को अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर किया…Next


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