Menu
blogid : 7629 postid : 815826

केंद्रीय विद्यालय से पढ़ी लड़की बनी लेडी डॉन….उसके प्रेम में मंत्री ने गँवाई जान

मध्यप्रदेश के उज्जैन में निम्न-मध्यवर्गीय परिवार में जन्मी अर्चना बालमुकुंद शर्मा अपने माता-पिता की चार संतानों में सबसे बड़ी थी. केंद्रीय विद्यालय से उच्चतर माध्यमिक की पढ़ाई करने वाली ये लड़की प्रतिभाशाली और रचनात्मक थी. उसका अधिकाँश समय चित्रकारी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बीतता था. इसके अलावा वह रामलीला में सीता का किरदार निभाती थी. वह मासूमियत की सुंदर मूर्ति थी. लेकिन पता नहीं क्यों उसे यह सब रास नहीं आया और वो लेडी डॉन बन गई. पढ़िए उसकी दिलचस्प कहानी…..



archanaaa



केंद्रीय विद्यालय से पढ़ाई के बाद उसने बिक्रम विश्वविद्यालय में नामांकन करवाया. लेकिन पहले वर्ष में ही उसने पढ़ाई छोड़ दी. उसने राज्य की पुलिस में भर्ती होने के लिए परीक्षा दी थी और उसे पुलिस में शामिल भी कर लिया गया. इससे उसके परिवारवालों का सीना गर्व से चौड़ा हो गया. लेकिन यह खुशी क्षणभंगुर थी. छह महीने बाद उसके परिवारवालों को पता चला कि उसने नौकरी छोड़ दी है. नौकरी छोड़ने का कारण बस इतना था कि उसमें बहुत मेहनत के साथ काम करना पड़ता था. घरवाले यह सोच-सोच कर दुखी होते थे. इसलिए उसने घर छोड़ने का फैसला लिया और बेहतर नौकरी और ज़िंदगी की तलाश में भोपाल आ गई. वहाँ उसे रिसेप्शनिष्ट की नौकरी मिल गई. धीरे-धीरे उसका संपर्क कई विधायकों से हुआ जिनमें से एक भाजपा विधायक के साथ उसका प्रेम-प्रसंग भी चला.



Read: अंडरवर्ल्ड से जुड़ी एक वेश्या जिसने भारतीय प्रधानमंत्री के सामने बैठ उन्हें शादी का दिया प्रस्ताव



थोड़े दिनों बाद बॉलीवुड में अभिनेत्री बनने की चाहत में वो मुंबई आ गई. लेकिन उसका यह सपना जमीन पर औंधे मुँह गिर पड़ा. निराश होकर वह एक आर्केस्ट्रा का हिस्सा बन गई जो खाड़ी देशों में कार्यक्रम प्रस्तुत करता था. एक बार दुबई में उसकी मुलाकात अहमदाबाद के एक व्यवसायी से हुई. उन दोनों का प्यार परवान चढ़ा और दोनों ने शादी का फैसला करते हुए सगाई कर ली. लेकिन किसी वजह से उनकी शादी टूट गई. अब वह फिर मुंबई आ बसी. लेकिन वहाँ किसी तरह की सफलता न मिलने से वो वापस दुबई चली गई. वहाँ उसका संपर्क एक अपराधी अनीस इब्राहिम से हुआ. उसकी जीवनशैली से प्रभावित होकर वह उसकी बिना सोचे-समझे रखैल बनने को तैयार हो गई.



archana



यहीं पर उसकी मुलाकात छोटा राजन के दायें हाथ ओम प्रकाश बबलू से हुई. दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो गया. कुछ दिनों बाद दोनों वहाँ से भाग कर नेपाल आ गए. लेकिन बबलू को पुलिस ने पकड़ लिया और उसे भारत भेज दिया गया. वह भी उसके पीछे भारत आ गई. दिल्ली में रहते हुए उसने बबलू का काम अपने हाथों में ले लिया. अब वह लूटपाट, अपहरण और हत्या में शामिल हो गई. व्यवसायियों का अपहरण कर उसने जल्दी-जल्दी बहुत पैसे बना लिए और अपराध जगत की सरगना बन बैठी. अहमदाबाद में निर्यातक गौतम अदानी के अपहरण के पीछे भी उसका हाथ होने का संदेह था.



Read: उसने अपनी खूबसूरती की कीमत एक वेश्या बनकर चुकाई



उसे अपराध जगत के सारे लोग जानते थे और उसका एक कारण यह था कि वह पुरूषों को बड़ी ही आसानी से अपने प्रेम-पाश में फँसा लेती थी. बबलू से प्यार के दौरान उसके संबंध कुछ और लोगों से भी थे. इसके बावजूद बबलू उसे बेहद प्यार करता था. उसको लेकर बबलू इतना पागल था कि वह उसके साथ किसी की नजदीकी बर्दाश्त नहीं कर सकता था. जब बबलू भारत में था तब नेपाल के मंत्री और राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के नेता मिर्ज़ा दिलशाद बेग ने उससे अपनी नजदीकी बढ़ ली थी. इससे बबलू काफी भड़क गया. बबलू को संदेह था कि मंत्री ने उसके निर्वासन को रूकवाने में कोई मदद इसलिए नहीं की क्योंकि वह अर्चना को पूरी तरह अपना बनाना चाहता था. जून 1998 में दिलशाद बेग को छोटा राजन के गुर्गों ने मार डाला. Next….



(साभार: एस. हुसैन ज़ैदी के उपन्यास पर आधारित)


Read more:

तलाश है वेश्या बनने के मौके की

जीनत विवादों में रही हैं कभी वेश्या बनने पर तो कभी दिल टूटने पर

स्वयंवर रचाने वाली को वेश्या बनने की तलाश


Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh