टेम्स नदी के किनारे बसा लन्दन शहर इंग्लैंड की राजधानी है, जो प्रारम्भ से ही विश्व का एक सृमद्ध शहर माना जाता है. सबसे अधिक जनसँख्या वाला लन्दन शहर है दिन प्रतिदिन शिक्षा से लेकर फैशन तक प्रत्येक क्षेत्र में उन्नति के पथ पर अग्रसर है . अगर हम बिजनेस की बात करें तो यह विश्वभर का जाना माना व्यवसाय केंद्र हैं, जो अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकोंं की पहली पसंद माना जाता है. यहाँ की नयी तकनीकी खोज, व्यावसायिक सेवायें और टूरिज्म व ट्रांसपोर्ट, नित नए आयाम स्थापित करने में लगी हैं.
उसी का एक हिस्सा है, ‘मिनेर्वा ईमारत’ जो अपनी भव्यता के कारण बनने से पहले ही सुर्ख़ियों में रही. 2002 में इस गगनचुम्बी इमारत के निर्माण की योजना बनायीं गयी. दुनियाँ की सबसे ऊँची और विशाल इमारत बनाने के लिए 10 लाख स्क्वायर मीटर एरिया का प्रस्ताव पारित किया गया. वास्तव में इस 14 मंज़िल इमारत का निर्माण एक कमर्शियल टॉवर के रूप में किया जा रहा था .
लेकिन 2001 में योजना में बदलाव के साथ इसको 53 मंज़िला बनाने का निर्णय लिया गया, जिसमे से 49 फ्लोर पर 10,000 बन्दों के बैठने की व्यवस्था के साथ ऊपर के 4 फ्लोर गार्डन तथा रेस्टॉरेंट के लिए निश्चित किये गए. वास्तव में, यह लन्दन का एक ड्रीम प्रोजेक्ट बनने जा रहा जिसका मुख्य लक्ष्य लंदन को विश्व भर में आर्थिक रूप से मजूबत बनाते हुए, दुनियाँ भर के लोगों के लिए उच्च कोटि और नवीनतम तकनीकी से बने ऑफिस उपलब्ध कराना था.
इस इमारत की कुछ मंज़िलों को किराये पर देने का विचार भी इस योजना में शामिल था. इस योजना से जुड़े लोगों के साथ लन्दन की स्थानीय जनता को भी इस भव्य ईमारत के पूरा होने का इंतज़ार था. लेकिन 2006 में फिर से इस प्रोजेक्ट की योजना में उलट फेर हुई और वित्तीय समस्या के कारण इस योजना के लिए जरूरी धन का कोटा पारित न हो सका और सपनों की बहुमंजिला इमारत की यह योजना कैंसिल हो गयी. जिसके बाद यह अपने पुराने प्रपोजल के अनुसार 14 मंज़िल इमारत में ही सिमटकर रह गयी जिसको ‘बोटोल्फा हाउस’ का नाम दिया गया…Next
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