अबकी बार 14 फरवरी यानी वेलेंटाइन डे का दिन बेहद रोचक होने जा रहा है. जहां एक तरफ हिंदू महासभा प्रेमी जोड़ों को धमकाते नहीं थक रही है कि ‘अबकी बार वेलेंटाइन डे अगर वे साथ दिखे तो उनकी शादी करा दी जाएगी तो दूसरी ओर दिल्ली में चमत्कारिक विजय के बाद केजरीवाल दुबारा 14 फरवरी को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद के लिए शपथ ग्रहण करेंगे. कई युवा ऐसे भी होंगे जो हिन्दू महासभा की धमकियों और केजरीवाल के शपथ ग्रहण समारोह के कोलाहल के बीच इश्क लड़ाते हुए अगले दिन यानी 15 फरवरी को होने वाले भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच के रोमांच का भी इंतजार होगा. पर इतने आपाधापी के बीच देश के एक कोने में कुछ युवा अपनी मोहब्बत को अंजाम तक पहुंचाने के लिए अपनी जान की बाजी लगा रहे होंगे. यह लेख छत्तीसगढ़ के उन्हीं युवाओं पर केंद्रित है.
छत्तीसगढ़ के जशपुर से 12 किलोमीटर दूर रानीदह की पहाड़ी है. यहां एक वाटरफॉल या जलप्रपात है और यह जगह एक मशहूर पिकनिक स्पॉट है, पर साथ ही यह जगह इश्क के परवानों के लिए मोहब्बत का इम्तिहान देने की सबसे बड़ी चुनौती भी है. 14 फरवरी आते ही पूरे प्रदेश से आशिक इस पहाड़ी के पास अपने इश्क का इम्तिहान देने पहुंचते हैं. आपके मन में यह जिज्ञासा उठ रही होगी कि आखिर इस इम्तिहान में आशिकों को करना क्या होता है.
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इश्क के परिक्षार्थियों को यहां अपनी मोहब्बत को अंजाम तक पहुंचाने के लिए 80 फीट उंची सीधी चढ़ाई चढ़नी होती है. यहां एक छोटी सी चूक का अर्थ है मौत. पर जिंदगी की परवाह किए बगैर सैकड़ों युवा हर साल यहां यह परिक्षा देने पहुंचते हैं. यहां मान्यता है कि जो लोग इस पहाड़ी चढ़ते हैं और उसे पूरा करते हैं उनकी प्यार की मन्नत पूरी होती है. 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे से पहले इस पहाड़ पर चढ़कर कई युवा अपने प्यार के लिए दुआ भेजेंगे.
दिलचस्प बात यह है कि एक तरफ सैकड़ों आशिक यहां आकर अपने प्यार की मन्नते मांगते हैं वहीं दूसरी ओर यही जगह सुसाइड प्वाइंट के रूप में जानी जाती है. इस जगह के बारे में कहा जाता है कि ओड़िसा के राजा की एक बेटी थी शिरोमणी. राजा उसकी शादी करना चाहते थे लेकिन शिरोमणी ऐसा नहीं चाहती थी. इसके बाद वह घर छोड़ कर चली गई और यहां झील में कूदकर जान दे दिया. इसके बाद उसके पांच भाई उसकी खोज में यहां आए तो शिरोमणी के श्राप से पत्थर बन गए. इन भाईयों के उपर इस पहाड़ी का नाम पंच भैया पड़ा.
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कलांतर में आशिकों के बीच यहां अपने प्यार की इम्तिहान देने की परंपरा शुरू हो गई. यहां कई लोग आकर आत्महत्या भी कर लेते हैं. पर सरकार द्वारा इस जगह पर चेतावनी का कोई बोर्ड तक नहीं लगाया गया है. अपना प्रेम पाने के लिए मौत के साथ साक्षात्कार करते इन युवाओं को देख एकबार यह ख्याल आता है कि धर्म और संस्कृति के ठेकेदारों को एकबार इन इश्क के परवानों को देखने जरूर आना चाहिए. इनका जज्बा देख उन्हें यह जरूर समझ आ जाएगा कि मोहब्बत के परवाने जब मौत से नहीं डरते तो तुम्हारे डंडों और जबरदस्ती शादी करा देने की धमकियों से क्या डरेंगे. Next…
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