बहुत से लोगों को यह सब अजीब लगेगा पर सच है कि रांची के एक परिवार के तीन बच्चे एक ऐसी बीमारी से पीड़ित हैं जिसमें व्यक्ति का कद और उसकी अंगुलियां उम्र से बहुत पहले और अत्याधिक बढ़ जाते हैं. मेडिकल साइंस के अनुसार यह एक अनुवांशिक बीमारी है जो बस एक अपवाद के रूप में ही सामने आती है. यानी पंद्रह से बीस लाख बच्चों में से किसी एक को यह समस्या होती है, लेकिन एक ही परिवार में एक से ज्यादा बच्चे का इससे ग्रसित होना स्वयं डॉक्टरों के लिए एक हैरानी वाली बात बन गई है. मार्फेनॉयड सिंड्रोम यानी कनेक्टिव टिशू डिसऑर्डर नामक इस लाइलाज बीमारी से पीड़ित बच्चों की आयु बहुत कम होती है.
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ओरमांझी, रांची के रहने वाले यह बच्चे काफी समय से दोनों आंखों से बहुत कम दिखने की शिकायत कर रहे थे. उनकी नजर इतनी ज्यादा कमजोर हो गई है कि उन्हें किताब में लिखे अक्षर नजर ही नहीं आते. वह इसके इलाज के लिए अस्पताल गए जहां डॉक्टरों ने मार्फेनॉयड सिंड्रोम की पुष्टि की. रांची से दिल्ली आया यह परिवार आर्थिक तंगी के कारण इस बीमारी का इलाज नहीं करवा पा रहा है.
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क्या है मार्फेनॉयड सिंड्रोम बीमारी ?
मार्फेनॉयड सिंड्रोम एक जेनेटिक बीमारी है जो मां के गर्भ से ही शुरू हो जाती है. यह बीमारी गर्भवती महिला की जांच या इलाज के बाद भी पकड़ में नहीं आती. इस गड़बड़ी के लिए माता या पिता में से कोई एक उत्तरदायी होता है.
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