पहले पढ़ाई का झमेला और पढ़ाई के बाद जॉब ढूंढ़ने की परेशानी. जॉब ना मिले तो दिमाग वैसे ही परेशान रहता है उसके ऊपर घरवालों के ताने अलग सुनने को मिलते हैं. ‘दिनभर खाली बैठा रहता है, कोई काम ही कर लिया कर’ ना जाने कैसे-कैसे ताने सुनने को मिल जाते हैं. पढ़ाई पूरी करने के बाद घर बैठना ऐसा होता है मानो खुद को ही टॉर्चर किया जा रहा हो.
खैर यह सब तो तब होता है जब आपके पास जॉब ना हो, अगर हाथ में अच्छी खासी नौकरी है तो समझ लीजिए दुनिया आपके कदमों में है. लेकिन अगर आप जॉबलेस हैं तो हम आपको कुछ ऐसी जॉब्स के बारे में बता रहे हैं जो एक समय तक बड़ी पॉपुलर थीं लेकिन समय के साथ-साथ ये जॉब्स खत्म हो गई हैं. लेकिन अगर आप दिल से चाहते हैं कि आप जॉब करें तो ये वो जॉब हैं जिनके लिए ना तो आपको ज्यादा मेहनत करने की जरूरत है और ना ही ज्यादा पढ़ाई-लिखाई करनी पड़ेगी. बस शर्त इतनी है कि आपके अंदर इस जॉब को करने का जज्बा होना चाहिए.
1. लोगों को उठाने के लिए अलार्म क्लॉक: पहले जब अलार्म क्लॉक नाम की कोई चीज अस्तित्व में नहीं थी, ना लोगों के पास मोबाइल फोन हुआ करते थे जिसकी घंटी से उनकी नींद खुल जाए, तब होटल मालिक और मकान मालिक अपने यहां ऐसे लोगों को नौकरी पर रखते थे जो तय समय पर अपने किरायेदारों या ग्राहकों को उठाते थे. उनके कमरों के दरवाजे पर जोर-जोर से नॉक करते थे, उन्हें परेशान करते थे, वो हर संभव कोशिश करते थे ताकि वो उठ सकें. आप इस जॉब के लिए खुद को उपयुक्त पाते हैं तो बहुत अच्छी बात है. ध्यान बस इतना रखिएगा कि नींद से जगाने के बाद आप किसी के कोप के भागी ना बन जाएं.
चूहे पकड़ने का काम: सफाई पसंद लोगों के लिए घर में चूहे होना बड़ी दिक्कत की बात होती है. पहले भी ऐसा ही होता है. आजकल तो फिर भी चूहों की संख्या कम है, पहले तो सड़कों पर चूहे ऐसे भागते थे कि पूछिए मत. आज जो काम चूहे मार दवाई और चूहे पकड़ने की जाली करती है, पहले वो काम वे लोग करते थे जिन्हें चूहे पकड़ने के लिए ही रखा जाता था. ये काम बहुत मुश्किल होता था क्योंकि कई बार चूहे हाथ पर काट भी लिया करते थे जिसके बाद संक्रमण फैलने का डर रहता था. अगर आप इतने डेयरिंग है कि आपको चूहे पकड़ने से डर नहीं लगता तो खोल लीजिए अपनी चूहे पकड़ने की कंपनी.
मनोरंजन करने वाला: आपको ऑफिस जाकर काम करने का शौक नहीं है. बोरिंग सी जगह, बोरिंग लोगों के बीच बैठना आपको टाइम वेस्ट लगता है तो टेंशन मत लीजिए. ये जॉब सिर्फ और सिर्फ आपके लिए है. पहले जब टी.वी. या रेडियो जैसी कोई सुविधा उपलब्ध नहीं थी तब फैक्टरी मालिक ऐसे लोगों को जॉब पर रखते थे जिनका काम लोगों का मनोरंजन करना होता था. वे काम के घंटों के बीच कुछ समय के लिए मजदूरों को हंसाने, उनके एंटरटेनमेंट करने का काम करते थे.
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