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मेट्रो में यात्रा करने से पहले सावधान, कुछ इरिटेटिंग जंतु आपकी तलाश में घूम रहे हैं

इस दुनिया में अलग-अलग टाइप के लोग रहते हैं, एक से जुदा दूसरा और दूसरे से जुदा तीसरा. कुछ तो ठीक-ठाक टाइप्स होते हैं लेकिन कुछ….बाप रे पूछिए मत कि कितने….कितने ज्यादा परेशान करते हैं कि मन करता है उन्हें किसी ना किसी तरह यह एहसास करवा ही दें कि वो कितने ज्यादा इरिटेटिंग हैं. लेकिन सबसे खास बात यह है कि यह सभी अजीबोगरीब लोग हमें मेट्रो में, बस में या फिर किसी ना किसी पब्लिक ट्रांसपोर्ट में ही टकराते हैं. पता नहीं कौन सी प्रजाति के लोग होते हैं कि इन्हें फर्क ही नहीं पड़ता, आसपास के लोग इनसे कितना ही परेशान क्यों ना होते रहें इनका मतलब सिर्फ और सिर्फ अपना मनोरंजन करने से ही रहता है. ये वो लोग हैं जिनके लिए यह संसार उनका अपना बेडरूम है, ड्रॉइंग रूम है, म्यूजिक रूम है किचन भी है. वे साथ बैठे पैसेंजर्स की नाक में दम करते हुए और खुद बिल्कुल कम्फर्टेबल होकर अपना टाइम पास करते हैं. चलिए आज हम ऐसे ही जीवों के बारे में आपको बताते हैं, बताते क्या हैं इस श्रेणी में शामिल लोगों को उनके बारे में कुछ खास बातें बता देते हैं, क्या पता हमारा ये आर्टिकल उन लोगों को सुधार दे:


आप हमारी बात से इत्तेफाक तो जरूर रखते होंगे कि वे लोग जो अपने जूते और बदबूदार जुराबें उतारकर सफर करते हैं, उनके पास बैठने से हम लोग कितना ‘सफर’ करते होंगे.




socks


बड़े-बड़े बैग लेकर पता नहीं क्यों भरी बस और मेट्रो में ट्रैवल करते हैं. ऐसा लगता है मानो सीधा हिमालय पर्वत से आ रहे हों या फिर इस मतलबी दुनिया को अलविदा कहकर, सब मोह-माया से दूर वहां बसने जा रहे हों.



bagpack



ये वो लोग हैं जिन्हें कितना ही बोल दो कि भाई साहब थोड़ी जगह दे दो बैठने की, बहन जी (मैडम जी), थोडा सा शिफ्ट हो जाओ लेकिन ये अपनी टिकट पूरी से ज्यादा वसूल करते हैं.

space hogger



थोड़ी सी जो पीली है, चोरी तो नहीं की है……हां भई पीकर आपने चोरी तो नहीं की. पीकर या रात के हैंगओवर में मेट्रो का ट्रैवल दूसरे लोगों को कितना परेशान कर सकता है कभी सोचा है आपने…


drinks


माना कि सुबह-सुबह आपके पास नाश्ता करने का टाइम नहीं होता इसलिए आप अपना सारा मील मेट्रो में सबके सामने खत्म करते हैं. लेकिन एक बात बताइए, क्या कभी आपने सोचा है कि आपका खाना देखकर किसी और के पेट में चूहे कूद सकते हैं..

food



तेरा कंधा मेरा सहारा……..किसी और के कंधे पर अपनी नींद पूरी करने की तो बात ही कुछ और है.

shoulder



ओह माइ गॉड, पता नहीं क्यों कुछ लोग अपना सारा मेक-अप मेट्रो या बस में ही क्यों करते हैं.


make up

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च्यूइंग गम खाइए लेकिन प्लीज अपना मुंह तो बंद रखिए.


bubble gum



हम चाहे मेट्रो में सो रहे हों, किताब पढ़ रहे हों या फिर किसी के साथ गपशप कर रहे हों, कुछ लोगों को लगता है कि हम बोर हो रहे हैं इसलिए वे अपने हेडफोन की आवाज तेज..तेज और तेज कर सारी मेट्रो को अपना गाना सुनाते हैं.



headphones



प्रेम रोग तो ठीक है लेकिन इसे पब्लिक ट्रांसपोर्ट में दिखाने की क्या जरूरत है यार.


पैने नाखून और जानलेवा दांतों से वह अपने शिकार की रूह तक एक ही झटके में बाहर निकाल देता है



public display



लास्ट बट नॉट द लीस्ट, वे लोग जो ना तो नहाने में अपना टाइम वेस्ट करते हैं और ना तो डियो लगाना जरूरी समझते हैं. अपने बदन की खुशबू से वो आसपास के लोगों तक को महकाते हैं.



body odour


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माता ने ही अपनी मूर्ति दी, खुद ही इंजीनियर हायर किया और बनवाया अपना मंदिर. कलियुग में माता के चमत्कार की एक अविश्वसनीय कहानी

क्या पता आपके घर में भी वो अपना आशियाना तलाश रहे हों!!

अंधेरी दुनिया की काली शक्तियां इंसानी सोहबत के लिए तरसती हैं


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