आज जहां एक ओर पूरा देश सांप्रदायिकता की आग में झुलस रहा है. देश के कई ग्रामीण इलाकों में आए दिन हिन्दू-मुस्लिम के बीच दंगे और खून-खराबे की खबर चर्चा का विषय बन रहे हैं. यही नहीं, छिट-पुट नेताओं से लेकर बड़े-बड़े मंत्री तक सांप्रदायिकता के तेज होते विवाद पर, अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने में भी गुरेज नहीं कर रहे. वहीं कुछ मामले ऐसे भी हैं जिन्हें देखकर इंसानियत के अभी तक जिदां रहने की उम्मीद मिलती है.
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आंध्र प्रदेश में विजयवाड़ा के मां कनक देवी मंदिर में. दशहरा के आगमन से पहले यहां नौ दिन विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है. जिसमें मां के दर्शन करने के लिए भक्तजन बहुत दूर-दूर से यहां आते हैं. दरबार में आने वालों की भीड़ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां वीआईपी भक्तों की पंक्ति अलग लगती है जबकि आम भक्तजनों का दिनभर यहां तांता लगा रहता है. लोग घंटों अपनी बारी का इंतजार करते रहते हैं. ऐसे में भूख-प्यास से व्याकुल होकर कुछ लोग तो दर्शन से पहले ही बेहोश पड़ जाते हैं. लेकिन भक्तों का उत्साह फिर भी कम नहीं होता. भक्तों की परेशानियों और भीड़ से निपटने के लिए मन्दिर परिसर में वालंटियर और कर्मचारी दिनभर मंदिर और आस-पास के क्षेत्रों में मौजूद रहते हैं.
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लेकिन लगभग 130 कर्मचारी और 500 से भी अधिक वालंटियर होने के बाद कुछ चूक हो ही जाती है. इन सब बातों से परे अगर आपको भीड़ में कुछ मुस्लिम पहनावे और हुलिए वाले लोग हाथों में दूध के पैकेट लिए दिख जाए तो आपका हैरत में पड़ जाना लाजिमी है. दरअसल ये मुस्लिम युवक भक्तों को दिनभर की थकान और मेहनत के बीच सुकून के दो पल देने के लिए देवी के हिन्दू भक्तों में मुफ्त दूध के पैकेट बांटते हैं. ‘यूथ वेलफेयर आंध्रप्रदेश’ से सम्बन्ध रखने वाले ये युवक दिनभर ज्यादा से ज्यादा मात्रा में दूध के पैकेट देकर मानवता के प्रति अपनी सेवा को सही मायने में दर्शा रहे हैं. इनमें से कुछ वालंटियर तो ऐसे हैं जो भक्तजनों के लिए लगने वाले 24 घंटे मेडिकल शिविर का हिस्सा हैं और अपनी मर्जी से यहां सेवा कर रहे हैं…Next
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