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गुप्त साधनाओं के लिए मशहूर इन श्मशानों की हकीकत आपके रोंगटे खड़े कर देगी

पूजा-पाठ,तंत्र-मंत्र और साधना, हिन्दू धर्म के कुछ ऐसे घटक हैं जिनके बिना ये धर्म संपूर्णता ग्रहण नहीं कर पाता. अपने इष्ट देव के प्रति भक्ति और विश्वास ही हिन्दू धर्म के अनुयायियों को सही तरीके से जीने के लिए प्ररित करता हैं. जहां एक ओर अपने अराध्य पर अपनी भक्ति का प्रमाण लोग पूजा अर्चना के द्वारा करते हैं वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो काली शक्तियां प्राप्त करने के लिए अपने अराध्य की पूजा करते हैं और यह सब विशेष दिनों में और ज्यादा बढ़ जाता है. गुप्त नवरात्रि के बारे में बहुत ही कमलोग जानते होंगे लेकिन काली शक्तियों का स्वामी बनने की चाह रखने वालों के लिए यह समय बहुत खास होता है जो गत 28 जून से आगामी 6 जुलाई तक चलने वाला है. आपको शायद पता ना हो लेकिन गुप्त नवरात्रि में शक्तियां प्राप्त करने के लिए साधनाएं सिर्फ 4 श्मशानों में ही होती हैं, जहां रात के अंधेरे में साधक घोर तपस्या कर अपने इष्ट को प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं.


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चक्रतीर्थ श्मशान (उज्जैन): यह समय  शैव और शाक्य धर्मावलंबियों के लिए पैशाचिक, वामाचारी क्रियाओं के लिए अधिक शुभ एवं उपयुक्त होता है, इसमें महाकाल एवं महाकाली की पूजा की जाती है। इतना ही नहीं भूत-प्रेत,पिशाच आदि की भी साधनाएं होती हैं.

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महाश्मशान (पश्चिम बंगाल): पश्चिम बंगाल स्थित वीर भूमि जिले में तारा देवी का मंदिर है. तारा देवी मां काली का एक ही रूप हैं. इस स्थान से जुड़ी पौराणिक मान्यता के अनुसार इस स्थान पर देवी सती के नेत्र गिरे थे. तारापीठ मंदिर के निकट एक श्मशान घाट है, जिसे महाश्मशान के नाम से जाना जाता है. इस महाश्मशान में जो भी चिताएं जलती हैं उनकी आग कभी नहीं बुझती. मंदिर के आसपास द्वारका नदी बहती है. जहां तक नजर दौड़ती है वहां तक आपको शाधक सिर्फ साधनाएं करते हुए नजर आएंगे.



कामाख्या पीठ: गुवाहाटी से करीब 10 किलोमीटर स्थित कामाख्या मंदिर है. पहाड़ी पर बने इस मंदिर का तांत्रिक महत्व भी बहुत अधिक है. प्राचीन काल से ही तीर्थस्थान के रूप में जाना जाता कामाख्या वर्तमान में तंत्र सिद्धि का एक महत्वपूर्ण स्थल है. भारत के अलग-अलग स्थानों से तांत्रिक इस श्मशान में आकर तंत्र साधनाएं करते हैं.


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नासिक: महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित त्र्यंबकेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. तंत्र और अघोरवाद के जन्मदाता भगवान शिव हैं इसलिए शिव को तंत्र शास्त्र का देवता माना जाता है. त्र्यंबकेश्वर मंदिर के समीप स्थित श्मशान भी गुप्त नवरात्रि में तंत्र क्रियाओं के लिए प्रसिद्ध है.



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