‘आज के जमाने में किसी पर भरोसा मत करना, अपनी परछाईं पर भी नहीं.’ न जाने ऐसी बातें हम कितनी बार सुनते हैं. कभी-कभी तो ऐसा लगता है कि सचमुच अब दुनिया में भरोसा और विश्वास नाम की कोई चीज बची नहीं है. जहां पलक झपकते ही कोई आपकी जेब काट जाए, जिस समाज में पैसों के लिए हत्या, डकैती जैसी कुकृत्य की खबरें आम हो वहां भरोसे की बात भी करना बेईमानी लगता है. अगर आप भी ऐसा सोचते हैं तो इसमें अचरज की बात नहीं. लेकिन जरा ठहरिए, इस देश में अभी भी कुछ ऐसे लोग हैं जो भरोसे का दीपक जलाये हुए हैं.
देश का उत्तर-पूर्वीय राज्य मिजोरम अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए तो जाना ही जाता है, यहां के लोगों का दिल भी उतना ही सुंदर है जितना यहां कि प्रकृति. राज्य की राजधानी आइजोल से कुछ 65 किलोमीटर दूर सिलिंग से गुजरते हुए आपको हाईवे किनारे ऐसी कई दुकानें दिखेंगी जो पूरी तरह ग्राहकों के विश्वास पर चलती हैं. इन दुकानों को ‘नघा लउ दौर’ कहा जाता है यानी बिना दुकानदार वाली दुकान. चौंकिए नहीं! यहां निगरानी के लिए शहर के मॉल की तरह कोई सीसीटीवी कैमरा भी नहीं लगा रहता जबकि यहां आने वाले ज्यादातर खरीददार अजनबी होते हैं.
इन दुकानों के मालिक अपना दुकान को खुली छोड़कर चले जाते हैं. यहां आने वाले ग्राहकों को आजादी होती है कि वे अपनी जरूरत की कोई भी चीज दुकान से उठा लें और रेट लिस्ट के अनुसार पैसे मनी बॉक्स में डाल दें. अगर ग्राहकों के पास खुदरा नहीं है तो वह मनी बॉक्स से शेष बचे पैसे उठा सकते हैं.
इस दुकान में सब्जियाँ, फल और फूल इत्यादि उपलब्ध होते हैं जो दुकान के मालिक आसपास के जंगल से इकट्ठा करते हैं. हर समान के साथ ‘रेटलिस्ट’ लगा होता है जिसके अनुसार ग्राहक मनी बॉक्स में पैसे डाल देता है. इस दुकान के मालिक इस बात की खुशी जाहिर करते हैं कि उनके ग्राहकों ने कभी उनका भरोसा नहीं तोड़ा. सचमुच मिज़ोरम की यह दुकानें, इनके मालिक और यहां के ग्राहक ईमानदारी और विश्वास का एक अनोखा उदाहरण पेश करते हैं. Next…
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