आधुनिक जीवनशैली में हर चीज बड़ी तेजी से बदली है. लेकिन दूसरी तरफ आधुनिकता का एक स्याह पहलू ये है कि बदलाव का असर इंसानों के व्यवहार और मन पर भी पड़ गया है. ऐसे में इस डिजीटल युग में एक भी सच्चा दोस्त बनाना, अंधेरे में सूई ढूंढ़ने से भी ज्यादा मुश्किल काम नजर आता है. लेकिन दूसरी ओर सदिया बीतने के बाद भी इंसान और जानवर की दोस्ती को हमेशा से विश्वसनीयता के रूप में देखा जाता है. यकीन न आए तो आप किसी भी जानवर को प्यार और अपनापन देकर देखिए वो बदले में आपको कई गुना प्यार देगा. चलिए, हम आपको एक तोते और उसके मालिक से जुड़ा ऐसा ही किस्सा बताते हैं. जिसमें तोते की सूझबूझ ने अपनी मालकिन की हत्या करने वाले शख्स को पहचान कर उसे सलाखों के पीछे पहुंचा दिया. दरअसल उत्तर प्रदेश के आगरा में रहने वाले एक पत्रकार विजय शर्मा एक शाम जब अपने घर पहुंचे. तो उन्होंने अपनी पत्नी और पालतू कुत्ते को मरा हुआ पाया.
उस धमाके में और भी लोगों की जानें जाती अगर ये कुत्ता न होता
कमरे की हालत और आस-पास बिखेरे सामान को देखकर ऐसा लगता था कि कोई चोरी के मकसद से घर में घुसा था लेकिन फिर भी आसपास कोई सुराग नहीं था. पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू कर दी लेकिन उन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ. तभी विजय ने अपने घर में पाले हुए तोते की हरकतों पर गौर किया. उनका तोता बार-बार आशुतोष नाम रट रहा था. वो रात में भी यहीं नाम रटता रहता था. शुरुआत में पुलिस और विजय ने इस बात पर कोई गौर नहीं किया क्योंकि आशुतोष विजय का भतीजा था. लेकिन पुलिस अपनी छानबीन में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती थी इसलिए जांच टीम ने आशुतोष के घर जाकर उसकी फोन डिटेल और घर की तलाशी ली.
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पुलिस ने जब आशुतोष से पूछताछ की तो वो घबराने लगा और अपनी चाची की हत्या की बात कबूल ली. उसने बताया ‘ मैं अपने दोस्त के साथ मिलकर अपने चाचा के घर पैसे और अन्य कीमती सामान चुराने के मकसद से गया था लेकिन मैंने देखा कि चाची ने मुझे चोरी करते हुए देख लिया है, इसलिए घबराहट में मैंने चाची और पालतू कुत्ते को मार डाला क्योंकि कुत्ते ने मुझ पर हमला कर दिया था. उस वक्त मेरी नजर उस तोते पर भी पड़ी थी जो अपने पिंजरे में चुपचाप बैठा था. लेकिन मुझे लगा कि ये क्या कर लेगा.’…Next
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