सोचिए, भारतीय क्रिकेट टीम देश के लिए वर्ल्ड कप खेल रही है, लेकिन आखिर में महज कुछ रनों के अंतर से हार जाती है. इसके बाद शुरू हो जाता है पोस्टर जलाने, पत्थरबाजी और हाय-हाय के नारों का घिनौना दौर. हमारे देश में लगभग हर हार के बाद कुछ ऐसा ही होता है. आप उन्हें भला-बुरा कह सकते हैं, नाराजगी, गुस्सा दिखा सकते हैं, लेकिन क्या उनपर देशद्रोह का आरोप लगा सकते है? बेशक, वो देश के लिए खेल रहे थे, लेकिन हार जाने पर उनपर देशद्रोह का मुकदमा नहीं चल सकता. अब आप सोच रहे होंगे कि कैसी बेतुकी-सी बात है. भला किसी पर इतनी आसानी से देशद्रोह का आरोप कैसे लग सकता है. चलिए, आपको बताते हैं आज के दौर में इससे भी ज्यादा आसानी से देशद्रोह का आरोप लगा दिया जाता है.
साइना नेहवाल
बैडमिंटन स्टार साइना नेहवाल ने अपने खेल से देश का नाम रोशन किया है. लेकिन जितनी मेहनत उन्होंने देश को गर्व से भर देने के लिए की है, सोशल मीडिया पर बैठे देशभक्तों ने उन्हें एक पल में देशद्रोही बना दिया. दरअसल, साइना ने फेसबुक पर अपनी एक फोटो डाली. इस तस्वीर में साइना अपने नए फोन के साथ थी. तस्वीर के साथ उन्होंने कैप्शन लिखा ‘मेरा नया Honor 8 फोन, यह फोन और इसका कलर मुझे काफी अच्छा लगता है.’एक चाइनीज फोन की तारीफ देशवासियों को रास नहीं आई और फिर शुरू हो गई सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना. लोगों ने उन्हें देशद्रोही कहने से भी गुरेज नहीं किया. सोशल मीडिया पर लोगों का कहना था कि वो चाइना का ब्रांड खरीदकर देश से गद्दारी कर रही हैं.
सानिया मिर्जा
‘इश्क का कोई मजहब, कोई सरहद नहीं होती’ लेकिन ये बातें बस किस्से, कविताओं और शायरी तक ही सीमित दिखाई देती है. इन बातों को जब भी कोई असल जिंदगी में उतारना चाहता है तो दुनिया की फौज उसके लिए कमर कस लेती है. ऐसा ही कुछ हुआ टेनिस सनसनी सानिया मिर्जा के साथ. सानिया ने जब पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब मलिक से शादी करने का फैसला किया तो लोगों ने उन्हें देशद्रोही कहना शुरू कर दिया. कुछ लोगों ने उनके पाकिस्तान जाने के फैसले पर जमकर आलोचना की.
एस श्रीसंत
मैच फिक्सिंग के आरोप में पुलिस के हत्थे चढ़े क्रिकेटर की मुश्किलें उस समय खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही थी. दूसरी तरफ कोर्ट के फैसले से पहले ही श्रीसंत का आरोप सोशल मीडिया पर तय कर दिया गया. लोगों ने उन्हें न सिर्फ देशद्रोही कहना शुरू कर दिया बल्कि भीड़ ने उनके घर के बाहर जाकर पथराव भी किया. वहीं पिछले साल जुलाई में एक इवेंट में राष्ट्रगान पर खड़ा न होने की वजह से श्रीसंत को 6 महीने जेल की सजा भी सुनाई गई थी. लेकिन उनकी लिखित माफी मांगने पर कोर्ट ने जुर्माना लगाकर उन्हें बरी कर दिया.
मीर रंजन नेगी
आप में से काफी लोगों को ये नाम याद भी नहीं होगा, लेकिन शायद ही कोई शाहरूख खान की ‘चक दे इंडिया’ फिल्म को भूला होगा. फिल्म की कहानी हॉकी गोलकीपर मीर रंजन नेगी पर ही आधारित थी. 1982 एशियन गेम्स में भारत पाकिस्तान से 1-7 से हार गया था. कहा जाता है कि रंजन गोल रोक पाने में कामयाब नहीं हुए थे. वहीं एक पत्रकार ने उनके खिलाफ नेगेटिव रिपोर्टिंग कर दी थी, जिसके चलते लोगों के बीच उनकी देशद्रोही की छवि बन गई. इस हार के बाद उन्हें देशद्रोही कहा जाने लगा था. उस दौर में लोग इतने गुस्से में थे कि उनकी घरों की दीवारों पर भी देशद्रोही लिखा करते थे.
आईपीसी की धारा 124ए कहती है कि अगर कोई भी व्यक्ति देश के विरोध में सार्वजनिक रूप से ऐसी किसी गतिविधि को अंजाम देता है, जिससे देश के सामने सुरक्षा का संकट पैदा हो सकता है, तो उसे उम्रकैद तक की सजा दी जा सकती है. इन गतिविधियों का समर्थन करने या प्रचार-प्रसार करने पर भी किसी को देशद्रोह का आरोपी मान लिया जाएगा. लेकिन देशद्रोह की परिभाषा और कई बिंदुओं पर विरोधाभास की स्थिति देखने को मिलती है, जिसपर आए दिन बहस देखने को मिलती है, लेकिन सोशल मीडिया पर बैठे लोग बहुत आसानी से किसी को भी देशद्रोही साबित कर देते हैं…Next
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