चूहों की एक दुनिया में आपका स्वागत है. इस आलेख के माध्यम से हम आपको एक ऐसी जगह ले जा रहे हैं जहां आपको सिर्फ चूहे ही चूहे नजर आएंगे. यहां इंसानों से ज्यादा महत्वपूर्ण चूहे हैं और चूहों को नुकसान पहुंचाकर आप दंड के भागी होंगे. साथ ही चूहा देखकर आपकी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं.
धार्मिक कथाओं में गणपति की सवारी चूहों के बारे में आपने सुना-पढ़ा होगा लेकिन इंसानी दुनिया में ये चूहे हमेशा आपके लिए मुसीबत का सबब ही होते हैं. घर में एक चूहा दिख जाए तो आप उसे हटाने के लिए लाख उपाय आजमा लेते हैं पर इस जगह पर चूहे इंसानों के लिए वास्तव में भगवान का दूत माने जाते हैं. किसी के लिए इन्हें नुकसान पहुंचाने का खयाल दिल में लाना भी यहां पाप समझा जाता है. यह जगह कहीं और नहीं अपने भारत में ही है.
चूहों का वह पवित्र स्थल है राजस्थान. राजस्थान के देशनोक शहर में करनी माता का मंदिर है. यहां इंसानों से ज्यादा शायद आपको चूहे नजर आएं. मान्यता है कि ये चूहे मंदिर में स्थित करनी माता की संतानें और वंशज हैं. कथाओं के अनुसार करनी माता देवी दुर्गा की अवतार मानी जाती हैं जो बचपन से लोक कल्याण करने लगी थीं इसलिए उनका नाम करनी माता पड़ गया. ऐसी मान्यता है कि करनी माता के सौतेले बेटे की मृत्यु हो जाने पर माता ने यमराज को उनके बेटे को जीवित करने का आदेश दिया. माता के आदेशानुसार उनका बेटा जीवित तो हो गया लेकिन वह चूहा बन गया. माता ने जिस जगह अपना देह त्याग किया वहीं आज करनी माता का मंदिर बना है और मंदिर में हजारों चूहे खुलेआम घूमते नजर आते हैं.
यहां लगभग हर घर में बहुत सारे चूहे हैं लेकिन ये करनी माता के वंशज माने जाते हैं इसलिए कोई इन्हें नुकसान नहीं पहुंचाता. मंदिर परिसर में प्रसाद भी पहले चूहे खाते हैं फिर वह भक्तों को मिलता हैं. यहां इतने चूहे हैं कि हर किसी को चलते हुए ध्यान देकर चलना पड़ता है कहीं कोई चूहा पैरों के नीचे न आ जाए. खासकर आरती के समय आश्चर्यजनक रूप से ये चूहे इकट्ठे हो जाते हैं. हालांकि यहां अधिकांश काले चूहे ही हैं लेकिन कभी-कभी सफेद चूहे भी दिखते हैं. कहते हैं कि यहां सफेद चूहा देखना शुभता का प्रतीक है और किसी को इस मंदिर में सफेद चूहा दिखा इसका अर्थ है कि आपकी मनोकामना पूर्ण हो गई.
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