रॉबर्ट वॉड्लो की जब मृत्यु हुई तो वे 8 फुट 11.1 इंच के थे. वॉड्लो का नाम इतिहास में सबसे लंबे व्यक्ति के रूप में दर्ज है. इनकी मृत्यु मात्र 22 वर्ष में हो गई थी और मृत्यु के वक्त भी उनकी लंबाई लगातार बढ़ रही थी.
22 फरवरी 1918 को जन्में रॉबर्ट वॉड्लो की मृत्यु 15 जुलाई 1940 को हुई थी. उन्हें एल्टॉन जायंट और जायंट ऑफ इलीनॉइस के नाम से भी जाना जाता था. मृत्यु के समय उनका वजन 199 किलो था. उनकी असामान्य लंबाई का कारण एक बीमारी थी जिसे चिकित्सीय जगत में हाइपरप्लेसिया ऑफ पिट्यूटरी ग्लैंड के रूप में जाना जाता है. इस रोग में व्यक्ति के शरीर में असामान्य रूप से अत्यधिक ग्रोथ हार्मोन का स्राव होता है.
रॉबर्ट वॉड्लो की लंबाई 8 साल की उम्र में ही उनके पिता से अधिक हो गई थी. स्कूल में उनके लिए स्पेशल डेस्क बनना पड़ता था. 1936 में जब वे स्नातक में पहुंचे तब उनकी लंबाई 8 फिट 4 इंच थी. स्नातक के बाद वे कानून की पढ़ाई करने लगे थे.
रॉबर्ट को अपनी लंबाई के कारण कई दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता था. उन्हें चलने के लिए ब्रेसेस का प्रयोग करना पड़ता था. अनके पांव की संवेदना भी बहुत कम हो गई थी. लेकिन इन परेशानियों के बावजूद उन्होंने कभी व्हीलचेयर का प्रयोग नहीं किया.
1936 में रिंगलिंग ब्रदर्स सर्कस के साथ यूएस टूर के दौरान वे एक सेलिब्रिटी बन गए. वे कई टूर और समारोहों में हिस्सा लिया करते थे. उनके लिए जूता बनाने वाली कंपनी उनका जूता मुफ्त में बनाया करती थी. बदले में रॉबर्ट उस कंपनी का प्रचार किया करते थे. अपने मृत्यु के साल तक रॉबर्ट की शारीरिक ताकत लाजवाब थी. उनकी मृत्यु एक ऑटोइम्यून बीमारी की वजह से हुई जिसमें शरीर की कोशिकाएं अपने ही शरीर के खिलाफ कार्य करने लगती हैं.
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