देशभर में भले ही मानसून की बारिश ने गर्मी से राहत दी है लेकिन महंगाई की गर्माहट से देश सालों भर झुलसता रहता है. रोजमर्रा के सामानों की कीमतें आसमान छूते जा रहे हैं. रोजाना मजदूरी करने वाले मजदूरों और दिहाड़ी से गुजारा करने वालों का हाल इस कहावत की तरह हो गया है- “’नंगा नहाएगा क्या और निचोड़ेगा क्या.’’ यदि ऐसे महंगाई में कहीं एक रुपए में भरपेट भोजन कराई जाती हो, तो इससे बड़ी खबर और क्या हो सकता है. संभव है 1 रुपए की मामूली कीमत पर पेटभर भोजन करने की बात पर अपको यकीन न हो, पर कनार्टक की नम्मा हुबली में आप मात्र 1 रुपए में भोजन कर सकते हैं.
कर्नाटक की नम्मा हुबली में एक थाली मात्र 1 रुपए में उपलब्ध है. कर्नाटक के शहर कांचगर गल्ली के मध्य में स्थित ‘रोटी घर’ में 1 रुपए में खाना मिलता है. इसका उद्देश्य गरीबों, मजदूरों और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को कम दाम में संतुलित भोजन करना है. यहाँ आने वालों में गरीबोँ के अलावा साफ-सफाई और स्वादिष्ट भोजन के लिए सूट-बूट पहने लोग भी आते रहते हैं.
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यहाँ खाने में दाल, चावल, रोटी सब्जी और सांभर दिया जाता हैं. किसी खास त्यौहार के मौके पर खाने के साथ मीठा भी होता है. महावीर यूथ फेडरेशन के द्वारा ‘रोटी घर’ पिछले 5 सालों से चलाया जा रहा है. यहाँ आने वाले कलप्पा कहते हैं कि ‘रोटी घर’ में अपने घर जैस खाना मिलता है. कलप्पा 2012 से यहाँ खाना खाने आते हैं. आर्थिक रूप से मजबूर लोगों के लिए ‘रोटी घर’ किसी वरदान से कम नहीं है.
यूथ फेडरेशन ने शुरुआती दौर में फ्री मेडिकल सर्विस देने के लिए यहाँ एक हॉस्पिटल खोला था लेकिन डॉक्टरों की कमी के चलते इसे बंद करना पड़ा. तब फेडरेशन ने यहाँ एक कैंटीन खोलने का फैसला किया, जहाँ मात्र 1 रूपए में भोजन करने की व्यवस्था की गई. आज यह कैंटीन समाज के सभी लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो चुकी है.
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रोटी घर के वर्कर राजेश बीमागोल बताते हैं कि- यह कैंटीन छोटी है लेकिन यहां बहुत सफाई रहती है. चमकते साफ-सुथरे बर्तन और सफाई पसंद स्टॉफ, लोगों को यहां आने पर मजबूर करता है. खाने में अच्छी क्वॉलिटी के उत्पाद का इस्तेमाल किया जाता है. रोटी घर के प्रेजीडेंट तेजराज जैन कैंटीन के विषय में कहते हैं कि- ‘उत्तर कर्नाटक स्टाइल में हमने सबसे कम प्राइस पर लंच उपलब्ध करवाते हैं.Next…
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