‘जाको राखे साईयां मार सके न कोई’ किसी ने सही ही कहा है भगवान की कृपा जिस भी व्यक्ति पर रहती है उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता. यहां तक की बड़ी से बड़ी दुर्घटना भी, भगवान के उस बंदे के आगे खेल ही साबित होती है. ऐसा ही मामला देखने को मिला, दक्षिण सूडान में जहां प्लेन क्रैश होने के बाद मलबे के ढेर में से एक छोटे से बच्चे को बचाया गया. हैरानी की बात ये है कि प्लेन में सवार कुल 42 लोगों में से 41 लोग प्लेन क्रैश होते ही मौत के मुंह में चले गए जबकि ये बच्ची मलबे के ढेर के पास रोती हुए पाई गई. इस बच्ची के अलावा एक घायल व्यक्ति को भी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था.
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जहां कुछ घंटों तक जिंदगी और मौत से जूझने के बाद उसने दम तोड़ दिया. रूसी एयरक्राफ्ट अंटोनोव 12 उड़ान के कुछ देर के बाद ही असंतुलित हो गया. जिसके बाद सफेद नील नदी के पास इसका मलबा पाया गया. प्लेन के मलबे को देखकर ये अंदाजा लगाया गया कि किसी तकनीकी खराबी के चलते प्लेन क्रैश हो गया है. इस जगह से राजधानी जुबा एयरपोर्ट महज कुछ दूरी पर था. आसपास रह रहे लोगों ने प्लेन के क्रैश होने का नजारा खुद अपनी आंखों से देखा. प्लेन को पूरी तरह जलता देख लोग उससे बचने के लिए दूर भागने लगे.
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कुछ घंटों के बाद आग बूझने पर लोग मलबे के पास इकट्ठे होना शुरू हो गए. स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने मलबे के ढेर से बच्चे की रोने की आवाज सुनी तो वो चारों ओर बच्चे को तलाशने लगे. तभी कुछ दूरी पर उन्हें बच्चा दिखाई दिया. उसको उठाकर उन्होंने स्थानीय पुलिस को फोन किया. जिसके बाद बच्चे को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया…Next
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