Menu
blogid : 7629 postid : 1092847

एक साधारण से प्रयोग ने इस छोटे से रेलवे स्टेशन को बनाया देश का खूबसूरत रेलवे स्टेशन

एक चीज जो दक्षिण भारत के रेलवे स्टेशनों को उत्तर भारत के रेलवे स्टेशनों से अलग करती है वह है दक्षिण के स्टेशनों की साफ-सफाई. लेकिन दक्षिण भारत के इस छोटे से स्टेशन की खूबसूरती एक बेहद ही मामूली अविष्कार के कारण दूसरे अयाम पर पहुंच गई है. कोच्ची एयरपोर्ट से 16 किमी दूर अलुवा, एक छोटा सा शहर है. रेलवे स्टेशन परिसर में प्रवेश करते ही आपकी नजर रेलवे पटरियों के बीच बने बेरिकेड पर प्लास्टिक की बोतले लटकी नजर आएगी जिनमें रंग-बिरंगे फूल खिले नजर आएंगे.


hqdefault



किसी भी सार्वजनिक जगह पर आंखों को चुभने वाली प्लास्टिक की बोतलों का इतना खूबसूरत प्रयोग करने के पीछे अरुण कुमार का दिमाग है. अरुण कुमार क्षेत्र के स्वास्थ अधीक्षक हैं. इस छोटे से प्रयोग ने न सिर्फ रेलवे स्टेशन की खूबसूरती को चार चांद लगाया बल्कि कई अन्य समस्याओं का भी समाधान कर दिया.



Read: भारत के इन रेलवे स्टेशनों पर मिलते हैं यह लज़ीज पकवान…. जिनका स्वाद कभी न भूल पाएंगे आप



रेलवे ट्रैक के बीच इन प्लास्टिक के गमलों के लग जाने से लोगों द्वारा एक प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफॉर्म पर जाने के लिए पटरियों के प्रयोग पर लगाम लगा है. लोग अब इसके लिए फुटओवर ब्रिज का प्रयोग करने लगे हैं क्योंकि अब ट्रैक के बीच इतनी जगह ही नहीं बची है कि इससे लोग निकल पाएं. ज्ञात हो कि प्लेटफॉर्म बदलने के लिए लोगों द्वारा पटरियों का प्रयोग रेलवे दुर्घटनाओं की एक प्रमुख वजह है.


1_n



स्टेशन को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए यहां के कर्मचारियों को मेहनत तो करनी पड़ती है लेकिन इस तरीके से बिना किसी अतिरिक्त मेहनत और खर्च के स्टेशन की सूरत इतनी खूबसूरत हो गई है कि इसके लिए लाजवाब शब्द हल्का लगता है. Next…


Read more:

यह नौ दिन का बच्चा क्यों बना है डॉक्टरों के लिए चुनौती, पूर्व मुख्यमंत्री भी ले रही हैं रुचि

मनचले को सबक सिखाने वाली यह 20 साल की लड़की बनी दूसरों के लिए मिसाल

आत्महत्या के लिए प्रेरित करती है ये इमारत, जानिए क्या है बिल्डिंग का रहस्य और क्यों लोग यहां मरने आते हैं


Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh