Menu
blogid : 7629 postid : 813897

यह कोई फिल्मी कहानी नहीं…कैसे बना एक दिवालिया देश की तीसरी बड़ी ट्रेक्टर कंपनी का मालिक

अमीर बनने की चाहत किसे नहीं होती. इस उपभोक्तावादी संसार में हर कोई ज्यादा से ज्यादा धन अर्जित कर लेना चाहता है पर अक्सर देखा जाता है कि जो पहले से ही अमीर है वो तो नए-नए उद्योग-धंधों के जरिए पैसे बटोरता चला जाता है जबकि आम आदमी रोटी-दाल के जुगाड़ में ही जीवन खपा डालता है. क्या सुपर रिच बनना केवल कुछ ही लोगों के भाग्य में होता है? इन अरबपतियों की कहानी से तो ऐसा नहीं लगता.


lachhman-das-mittal

लक्ष्मण दास मित्तल- एक दिवालिया कैसे बना अरबपति?


1962 में पंजाब के होशियारपुर जिले का एक नवजवान अपने बीमा क्षेत्र का करियर छोड़कर जिले के लुहारों की मदद से थ्रेसर बनाने लगा. पर उस नौवजवान का यह साहसिक कदम उसके लिए बेहद भारी साबित हुआ. एक साल बाद उसे खुद को दिवालिया घोषित करना पड़ा. पर इससे उसके हौसले पर कोई फर्क नहीं पड़ा. 1969 में वह फिर लौटा एक बेहतर बिजनेस आईडिया और दृढ़ निश्चय के साथ. आज 80 साल के लक्ष्मण दास मित्तल को कोई दिवालिया के रूप में नहीं बल्कि भारत की तीसरी बड़ी ट्रेक्टर निर्माता कंपनी सोनालिका ग्रुप के मालिक के तौर पर में जानता है.

ravi pillai


रवि पिल्लई- किसान के बेटे से अरबपति तक


रवि पिल्लाई  का जन्म केरल के एक किसान परिवार में हुआ. रवि का कहना है कि वे हमेशा से एक बिजनेसमैन बनना चाहते थे. शुरुआत उन्होंने चिट-फंड कंपनी से की, पर जल्द ही उन्हें लगा कि कंस्ट्रक्शन के बिजनेस में जाकर ज्यादा आमदानी की जा सकती है. 70 के दशक की शुरूआत में उन्होंने तेल रिफाईनरी और केमिकल कंपनियों से छोटे-छोटे कॉनट्रेक्ट लेने शुरू कर दिए. 1979 में वे अपने बचत के सारे पैसे लेकर साउदी अरब चले गए. आज वे कंस्ट्रक्शन क्षेत्र का एक जाना माना नाम और आरपी ग्रुप ऑफ कंपनी के एमडी हैं. 2.8 बिलियन संपत्ति के साथ वे भारत के 30वें सबसे, अमीर व्यक्ति हैं.


Sameer Gehalut_UG_06


Read: मंगलयान मिशन के नायक: इन वैज्ञानिकों ने विश्व में भारत को किया गौरवान्वित


समीर गहलौत- एक नौजवान इंटरप्रेन्योर से अरबपति तक


पिछले 6 सालों से वे भारत के सबसे अमीर अरबपति बने हुए हैं जिन्होंने अपने दम पर यह मुकाम पाया है. सन 2000 में समीर जब 26 साल के थे चो उन्होंने एक स्टॉक ब्रोकरेज कंपनी की शुरूआत की थी. नाम था इंडिया बुल्स. टीन के छत और दो कंप्यूटर से शुरू हुई यह कंपनी आज देश की अग्रणी फाइनेंसियल सर्विस कंपनी है. 1.2 बिलियन डॉलर की संपत्ति के साथ 34 वर्षिय समीर फोर्ब्स पत्रिका की लिस्ट में देश के सबसे कम उम्र के अरबपति बने हुए हैं.


nandan


नंदन निलेकनी-  इक छोटी-सी नौकरी से अरबपति बनने की कहानी


नंदन निलेकनी की कहानी हर भारतीय को प्रेरित करती रही है. उन्होंने अपना कैरियर 1978 में पाटनी कंप्यूटर में एक एम्प्लॉयर के रूप में शुरू की पर 3 साल बाद उन्होंने पाटनी कंप्यूटर के 5 साथियों के साथ अपनी खुद की कंपनी स्थापित की जिसे हम इन्फोसिस  के नाम से जानते हैं. 2002 में वे इन्फोसिस के सीईओ बने. 2009 में वे इन्फोसिस को छोड़कर यूपीए सरकार की महत्वकांक्षी परियोजना आधार के चेयरमैन बन गए. 1.5 बिलियन की संपत्ति के साथ वे फोर्ब्स की लिस्ट में भारत के 66वें सबसे अमीर व्यक्ति हैं.


qimat rai gupta


कीमत राय गुप्ता- कॉलेज ड्रॉप आउट से अरबपति तक


कॉलेज छोड़कर 1971 में एक नौजवान छोटा-मोटा व्यपार करने लगा तो किसी ने नहीं सोचा था कि एक दिन वह यह मुकाम हासिल करेगा. बिजली के छोटे-मोटे समान बेचने वाले गुप्ता ने जर्मनी की सैलवेनिया लाइटिंग कंपनी को खरीदा. पहले उनकी कंपनी ग्रामीण-भारत में बिजली के तार, पंखे आदि बेचा करती थी पर आज वह बिजली उपकरण के क्षेत्र में भारत की अग्रणी कंपनी है. इस कंपनी का नाम है हैवेल्स. यह कंपनी राजस्थान के अलवर जिले में 50 हजार सरकारी स्कूल के बच्चों को मिड-डे मिल मुहैया कराती है. Next……


Read:


शहर में जब नहीं मिला रहने का ठिकाना उसने खुद को बना डाला इक चलता-फिरता घर…जानिए इस घोंघा मानव की दास्तां


पेरिस में नाश्ता, लंदन में लंच और सिडनी में डिनर और रात को करिए ताजमहल का दीदार… हां इस शहर में यह सब मुमकिन है


इस परिवार में हैं 50 से अधिक डॉक्टर और सिलसिला अभी जारी है

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh