कहते हैं बाहरी सुंदरता या व्यक्तित्व के आधार पर किसी व्यक्ति के व्यवहार का निर्धारण करना उसके साथ अन्याय होगा. जो व्यक्ति देखने में सुंदर और आकर्षक है उसका स्वभाव भी विनम्र होगा ऐसा बिलकुल जरूरी नहीं है. वैसे ही बाहरी तौर पर घमण्डी दिखने वाला व्यक्ति आपके साथ रुक्ष व्यवहार करेगा यह भी निश्चित नहीं है. लेकिन क्या यह अवधारणा केवल मनुष्यों पर ही लागू होती है या फिर पशु-पक्षी भी इसके अंतर्गत आते हैं?
कोयल की आवाज इतनी मीठी होती है कि उसे एक विशेषण के रूप में भी प्रयोग किया जाता है. स्त्रियों के संदर्भ में अगर बात की जाए तो प्राय: यही देखा जाता है कि जिस महिला की आवाज बेहद सुरीली होती है उसकी तुलना कोकिला या कोयल से की जाती है. लेकिन क्या मीठी और सुरीली आवाज की मालकिन कोयल का दूसरों के प्रति व्यवहार भी उसकी इस पहचान से मेल खाता है? कैंब्रिज विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं का दावा है कि मीठी आवाज वाली कोयल का व्यवहार बेहद कटु और हिंसक होता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि कोयल के पंख बहुत अद्भुत होते हैं जिनकी सहायता से वह दूसरे पक्षियों के घोंसले पर कब्जा करने में कामयाब हो जाती है.
विश्वविद्यालय के प्रमुख वैज्ञानिकों द्वारा संपन्न इस अध्ययन के बाद यह प्रमाणित किया गया है कि कोयल प्रजाति ने खुद को इस प्रकार विकसित किया है कि वह स्पैरो हॉक की तरह दिखती है. इसका सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि वह बड़ी आसानी के साथ दूसरे पक्षियों को डरा सकती है.
यह बात तो हम सभी जानते हैं कि कोयल एक बेहद आलसी परजीवी है जो घोंसला बनाए बिना अपने अंडे दूसरे पक्षियों के घोंसले में देती है और फिर उन्हें वहीं छोड़ देती है. इसे कोयल की चालाकी कहें या फिर उसका रुक्ष व्यवहार वह अपने भयभीत कर देने वाले व्यवहार से अन्य पक्षियों को डराती है और संबंधित पक्षी जिसके घोंसले में कोयल अंडे देती है वह उसके अंडों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता.
उल्लेखनीय है कि कोयल और स्पैरो हॉक दोनों की पेट की सतह पर जो पंख होते हैं वह देखने में एक समान लगते हैं इसीलिए अन्य पक्षी उन्हें देखकर डर जाते हैं. लेकिन दोनों में क्या फर्क है इसका पता लगाने के लिए शोधकर्ताओं ने एक नकली कोयल और स्पैरो हॉक को एक चिड़िया के घोंसले के पास रख दिया. वैज्ञानिकों ने पाया कि चिड़िया उन दोनों में अंतर नहीं कर पाई और डर के कारण अपने ही घोंसले से चली गई.
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