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5 सालों से चल रहा है यहां युद्ध, अब तक मर चुके हैं ढ़ाई लाख लोग

सीरियाई जमीन श्मशान बन गई है, जहां गिद्ध के समान नजर गड़ाए कुछ देश अपनी अंतरराष्ट्रीय स्वार्थ को सिद्ध करने में लगे हैं.



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सीरिया संकट की शुरुआत- मार्च 2011 वह साल था, जब सीरिया में रातों-रात राजनीतिक माहौल बदल गया. सरकार के खिलाफ जगह-जगह प्रदर्शन शुरू हुआ और चार महीनों के अंदर देश में हिंसा की लहर चारों ओर फैल गई. यह वही समय था जब कई देशों में अरब क्रांति शुरू हुई थी. प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि राष्ट्रपति बशर-अल-असद को तख्ता से बेदखल किया जाए और लोकतांत्रिक सरकार बने.


16 एचआईवी पोजिटिव आतंकियों को आईएस ने बनाया अपना सबसे खतरनाक हथियार

आईएस और सीरिया- सीरिया अभी अपने आंतरिक कलह से निपटा भी नहीं था कि 2013 में आईएसआईएस जैसी आतंकी संगठन से घिर गया. इस वक्त आईएस सीरिया में अपना प्रभाव जमा रहा था. धीरे-धीरे आईएस ने उत्तर पूर्व क्षेत्र पर अपना नियंत्रण मजबूत कर लिया. आईएस मौजूदा अंतरराष्ट्रीय सीमा को बदलकर इस्लामी शासन कायम करना चाहता है. तब से अब तक आईएस ने सीरिया में कई अमानवीय सामूहिक हत्या को अंजाम दिया. सीरिया में लगभग 60 (साठ) लाख बच्चे निराशा और हताशा में जीवन व्यतीत कर रहे हैं.



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सीरिया और उनके शरणार्थी- सीरिया में चारों तरफ मार-काट मचा है. यहां के नागरिक अपनी जान बचाकर अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की ओर भाग रहे हैं. एक आकड़ा बताता है कि इस वक्त तुर्की में सीरिया के 18 लाख शरणार्थी हैं, लेबनान में 12 लाख, जॉर्डन में करीब 7 लाख और इराक में ढाई लाख है. शरणार्थियों के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित देश लेबनान है क्योंकि लेबनान की कुल आबादी 45 लाख है. यहां चार में से हर एक व्यक्ति सीरिया का है.



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सीरिया पर अंतरराष्ट्रीय जगत का उदासीन रवैया- सीरिया के प्रति यूरोपीय देशों समेत पश्चिमी ताकतों और अमेरिका का पक्षपाती रवैया बेहद उदासीनता है. इन देशों ने सीरिया को युद्ध की आग में जलने के लिए छोड़ दिया है. इतना ही नहीं, क्षेत्रीय ताकतें जैसे सउदी अरब और कतर सीरिया के अलगाववादी विद्रोही गुटों को समर्थन देती रही हैं ताकि असद सरकार को हटाया जा सके.

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सीरिया के मित्र- रूस असद सरकार का सबसे अहम अंतरराष्ट्रीय सहयोगी है. उसके लिए सीरिया में अपने हितों को सुरक्षित रखने के लिए सरकार को समर्थन देना जरूरी है. अंतरराष्ट्रीय आलोचनाओं के बावजूद रूस ने सीरियाई सेना को हथियार देना जारी रखा हुआ है.Next…


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