अलवर में मोती डूंगरी की पहाड़ी पर स्थित सैयद दरबार की मजार और संकटमोचन वीर हनुमान मंदिर है, जो एक ही छत के नीचे हिंदू-मुस्लीम के लिए इबादत का पवित्र स्थल बना हुआ है.
यह राजस्थान की एक ऐसी जगह है, जहां एक ही परिसर में दो समुदायों के लोग अपने-अपने तरीके से पूजा-अर्चना करते है. जहां एक तरफ आपको सैयद दरबार की मजार में अजान मिलेगी, तो वहीं दूसरी तरफ संकटमोचन वीर हनुमान मंदिर में आरती सुनाई देगी.
यहां के लोग एक-दूसरे के धर्म का सम्मान करते हैं तथा उन्हें आरती और अजान से किसी तरह की परेशानी नहीं होती. गुरूवार को अगर आप यहां आते हैं, तो माइक्रोफोन और लाउडस्पीकरों के साथ-साथ भजन के लिए इस्तेमाल की जाने वाली ढोलक-हारमोनियम अल्लाह की इबादत करने वाले कव्वालों को दी जाती हैं. दोनों ही पक्ष अपनी पूजा बिना किसी रुकावट और भेदभाव के साथ करते हैं.
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