क्या आपने स्वर्ग को जमीं पे देखा है. एक ऐसा स्वर्ग जो एक आइने के जैसा है. एक ऐसा आइना जो कांच का नहीं बना है, जो आपकी सोच से काफी बड़ा है और जिसकी जगह आपके हाथो में नहीं आपके पैरों में है. उस आइने में केवल आपके चेहरे की खूबसूरती नहीं समाएगी बल्कि आपके आसपास का पूरा खूबसूरत वातावरन भी. कितना खुबसूरत नजारा होगा वह जब आप आप उस आईने में न केवल अपना अक्स, बल्कि अपने साथ टहलने वाले पूरे इलाके का अक्स, आपके सर के ऊपर तैरते बदल और असमान का अक्स या फिर आसमान में उड़ती चिड़िया का भी अक्स देख सकेंगे ऐसा लगेगा. जैसे स्वर्ग उतर आया हो जमीं पर. आप भी धरती पर उतारे इस स्वर्ग का लुत्फ जरूर लेना चाहेंगे.
आइने तो आपने कई देखे होंगे, पर हम दावा कर सकते हैं कि इतना खूबसूरत और बड़ा आइना आपने पहले कभी नहीं देखा होगा. उस पर भी यह कि इस आइने को किसी इंसानी कारीगर ने नहीं बनाया, बल्कि प्रकृति ने खुद ही इसे बनाया है. दुनिया का सबसे बड़ा यह आइना आपको ऐसा एहसास दिलाता है कि जमीन पर खड़े होकर आपको लगेगा कि आप आसमान में बादलों के ऊपर खड़े हों और बादलों के ऊपर ही चल रहे हों. ऐसा लगेगा जैसे आपके पांव के नीचे जमीन नहीं, बल्कि आसमान हो. प्राकृतिक आइने का कमाल देखिए कि आपको महसूस ही नहीं होता कि आप आइना देख रहे हैं और आपको ऐसा लगता है कि जमीन और आसमान एक क्षितिज पर मिल गए हों.
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एक ऐसी ही जगह है सालर डी उयूनी जो एक प्राकृतिक आइना कहलाता है. सालर डी उयूनी एक झील है जो सैंकड़ों वषरें तक लगातार सूखती हुई पूरी तरह सूख गई. हालांकि इसका पानी सूख गया, पर इसके पानी में मिला नमक लगातार वर्ष-दर-वर्ष परत दर परत जमती चलती गई. आज यह झील पूरी तरह सूखी हुई है. पर बारिश के मौसम में जब यहां हलका पानी जम जाता है, यह प्राकृतिक आइने का काम10000 वर्ग किलोमीटर तक फैले इस झील के पानी में जमे कैल्शियम और लीथियम प्रकाश किरणों को परावर्तित करते हैं. इस तरह दूर तक ऊपर आसमान की साफ छवि इसमें मानों आसमान ही जमीन पर बिछ गया हो. दूर तक देख के मौसम में यहां हजारों की संख्या में पर्यटक यह नजारा देखने आते हैं. इसके अलावे यह झील विश्व में 50 से 70 प्रतिशत लीथियम की स्त्रोत है. यह झील इलेक्ट्रिक बैटरी के लिए नमक और लीथियम का एक महत्वपूर्ण स्त्रोत मानी जाती है.
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