बचपन से हमें सिखाया जाता है कि उपहार और ईनाम की कोई कीमत नहीं होती यानि इन दोनों चीजों की कीमत नहीं आंकी जा सकती. उपहार प्रेम और ईनाम सम्मान से जुड़ा होने के कारण ये दोनों ही चीजें भौतिकता से परे और मूल्यवान है. अब बात करते हैं भौतिकवादी दुनिया की, जहां पर खरे सोने के लिए न जाने कितने ही तरह के टेस्ट कराए जाते हैं और जब ये सोना मेडल के रूप में पूरी दुनिया के सामने जीता जाए, तो इस पर सबकी नजर ठहरना लाजिमी है.
ऐसे में रियो ओलम्पिक चल रहे हैं और भारत स्वर्ण पदक कब अपने नाम करेगा, सबकी नजरें, इसपर टिकी हुई है. वहीं दूसरी ओर कुछ लोग स्वर्ण पदक में इस्तेमाल किए गए सोने की कीमत को लेकर अंदाजा लगाने में लगे हुए हैं. आइए, हम आपको बताते हैं कि ओलंपिक में खिलाड़ियों को मिल रहे स्वर्ण पदक की असल कीमत कितनी होती है? 1968 से मैक्सिकन ओलंपिक गेम्स के मेडल 6.5 मिली मीटर मोटे, 65.8 मिली मीटर चौड़े और 176.5 ग्राम वजनी होते हैं. इसके मुकाबले लंदन ओलंपिक के पदक थोड़े बड़े होते हैं जिनका वजन 375 से 400 ग्राम होता है.
अगर स्वर्ण पदक की बात करें तो उसमें असली सोना केवल 6 ग्राम (24 कैरेट) होता है, बाकी 92.5 ग्राम चांदी और उसके अलावा तांबा होता है. अगर इस मेडल की कीमत लगाई जाए तो वो सिर्फ 24,467 रुपये का होगा. अगर लंदन मेडल्स की बात करें, तो उसकी कीमत 33,491 रूपये होगी. अगर ये पदक खरे सोने के होते तो इनकी कीमत $76,000 होती यानि भारतीय मुद्रा में 50,80,596 रुपये होती…Next
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