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एक ऐसी मुहब्बत, जिसे हर कोई समझ नहीं पाया

‘एक बौछार था वो शख्स, बिना बरसे किसी अब्र की सहमी-सी नमी से जो भिगो देता था.

एक बोछार ही था वो, जो कभी धूप की अफशां भर के दूर तक, सुनते हुए चेहरों पे छिड़क देता था’.


जगजीत सिंह की याद में गुलजार साहब की लिखी हुई ये लाइनें जगजीत सिंह की शख्सियत को बयां करने के लिए काफी है. बीकानेर का वो लड़का जो बचपन से ही मोहम्मद रफी साहब के गानों का शौक रखता था. उन्हीं को गुनगुनाता, उन्हीं को दोहराता था. बीकानेर से जालंधर कॉलेज पढ़ने गया, जहां यूथ फेस्ट की जान जगजीत, धीरे-धीरे सभी की नजरों में चढ़ने लगा. जगजीत सिंह की नगमों और गजलों की दुनिया में कामयाबी की कहानी जितनी दिलचस्प है, उतनी ही रोमांचक और हटकर है उनकी और चित्रा सिंह की प्रेम कहानी. जिन्हें अपने प्रोड्यूसर की पत्नी से प्यार हो गया था. तकरार, नाराजगी से शुरू हुई जगजीत और चित्रा की गजल एक रोज मुकम्मल हो गई.


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अपने पति के साथ मुंबई रहती थी चित्रा

चित्रा अपने पति देबू प्रसाद दत्ता और बेटी मोना के साथ मुंबई में रहती थी. जो ब्रिटानिया बिस्किट में एक बड़े अधिकारी भी थे. उन्हें साउंड रिकोर्डिंग का बहुत शौक था. वक्त न मिलने की वजह से उन्होंने अपने घर में ही रिकोर्डिंग स्टूडियो बनवा लिया था.


jagjit singh

जब चित्रा ने पहली बार देखा जगजीत को

चित्रा अक्सर अपने घर की बालकनी में खड़े रहकर सामने वाले गुजराती परिवार से बात किया करती थी. दरअसल, उस परिवार ने एक बच्चा गोद लिया था, जो चित्रा को देखकर रोना बंद कर देता था. इस तरह चित्रा और उनके पड़ोसियों की करीबी दोस्ती हो गई. एक बार चित्रा रोज की तरह ही बालकनी में आकर खड़ी थी. तभी नीचे उन्होंने एक नौजवान लड़का खड़ा देखा, जिसने हद से ज्यादा टाइट पैंट पहन रखी थी. चित्रा को उस लड़के देखकर बहुत हंसी आई, वो काफी देर तक हंसती रही. वो नौजवान लड़का था जगजीत सिंह. जो सामने वाले गुजराती परिवार के यहां महफिल में गजल गाने आया था. अगले दिन जब चित्रा उस परिवार के यहां गई, तो सभी ने रात में आए उस पंजाबी लड़के की आवाज की तारीफ करनी शुरू कर दी. तारीफ सुनकर चित्रा ने जगजीत की गाई हुई गजलों की रिकोर्डिंग सुनने की इच्छा जाहिर की. कुछ देर बाद रिकोर्डिंग सुनने के बाद चित्रा ने मुंह बनाते हुए कहा ‘छी! ये भी कोई सिंगर है? गजल तो तलत महमूद साहब गाते हैं.’


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चित्रा के घर पर कुछ यूं हुआ सामना

एक रोज दरवाजे की घंटी बजी और एक शख्स चित्रा और देबू साहब के घर दाखिल हुआ. इससे पहले की दरवाजा खोलकर चित्रा उस इंसान से कुछ पूछती, रिकोर्डिंग के लिए देबू प्रसाद के साथ बैठे महिंदरजीत सिंह ने आवाज लगाई ‘अरे लल्लू तुम आओ, जल्दी.’ इस तरह किस्मत ने चित्रा-जगजीत को एक बार फिर से मिला दिया. कुछ देर में रिकोर्डिंग शुरू हो गई. चित्रा ने अब तक लड़के की आवाज सुनकर पहचान लिया था कि वो टाइट पैंट वाला लड़का यही है. सिंह साहब ने चित्रा से कहा ‘तुम जगजीत के साथ गाओगी.’ लेकिन चित्रा ने जगजीत के साथ गाने से साफ इंंकार कर दिया. चित्रा की न सुनकर जगजीत ने चित्रा के पूरे घर पर एक सरसरी-सी निगाह दौड़ाई और कहा ‘वैसे भी आपको गाने की जरूरत ही क्या है?’ ये बात सुनकर चित्रा बुरी तरह चिढ़ गई.



तकरार से दोस्ती तक का सफर

धीरे-धीरे वक्त बदला. अब जगजीत चित्रा के साथ गानों की रिकोर्डिंग करने लगे. दोनों के बीच बातें होने लगी और फिर दोनों दोस्त बन गए. इधर चित्रा के पति देबू को किसी और लड़की से प्यार हो गया था. एक रोज उन्होंने चित्रा से बड़ी शालीनता से कहा ‘चित्रा, तुम बहुत अच्छा गा लेती हो, इसी तरफ कॅरियर बनाओ. मैं कहीं और जाना चाहता हूं’. कुछ दिनों बाद चित्रा को देबू के अफेयर की बात पता चली. 1968 में तलाक लेने-देने की कवायद शुरू हो गई. इस दौरान चित्रा अपनी बेटी के साथ दूसरे घर में शिफ्ट हो गई.


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‘मैं तुमसे शादी करना चाहता हूं चित्रा

इस मुश्किल दौर में जगजीत चित्रा के साथ दोस्त बनकर खड़े रहे. एक दिन उन्होंने चित्रा से कहा ‘‘मैं तुमसे शादी करना चाहता हूं चित्रा’. ये सुनकर चित्रा सिर्फ इतना ही कह सकी ‘अभी मैं शादी-शुदा हूं. अभी तलाक नहीं हुआ है.’ इस पर जगजीत ने पलटकर कहा ‘मैं इंतजार करूंगा’. 1970 में देबू ने दूसरी शादी कर ली. उनकी एक बेटी भी हो गई. अब चित्रा के पास कोई उम्मीद नहीं थी जबकि जगजीत चित्रा को हमसफर बनाने की ठान चुके थे.


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जब चित्रा के पूर्व पति से शादी की इजाजत लेने पहुंचे थे जगजीत

ये बात सुनने में चाहे किसी को कितनी भी अजीब लगे लेकिन जगजीत सिंह की मासूमियत देखिए, वो चित्रा से शादी करने की इजाजत लेने के लिए चित्रा के पूर्व पति देबू के पास गए. इस पर देबू ने मुस्कुराते हुए कहा ‘मैं अब आगे निकल चुका हूं. चित्रा अपने फैसले लेने के लिए आजाद है’.


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इस तरह चित्रा-जगजीत की गजल हो गई मुकम्मल

जगजीत और चित्रा की शादी बेहद साधारण तरीके से हो गई, महज 30 रुपए के खर्च में. इनकी शादी का इंतजाम किया मशहूर तबला हरीश पुजारी ने. साथ ही अपनी गजलों से इस शादी में शामिल होकर गायक भूपिंदर ने मिठास घोल दी…Next


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