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साहिबा-मिर्जा की प्रेम कहानी में आखिर साहिबा को क्यों कहा जाता है धोखेबाज

‘न दायरें न कोई दुनियादारी, जिसे हो जाए एक बार सच्चा इश्क, उसके लिए आफरीन है दुनिया सारी’

आज चाहें वक्त कितना भी आगे क्यों न निकल चुका हो लेकिन सदियों से प्यार की परिभाषा एक ही रही है, वो है सभी दुनिया के बनाए झूठे दायरों और मजहब की दीवारों को तोड़कर इंसान की रूह में उतरना. इतिहास में न जाने ऐसी कितनी ही प्रेम कहानियां हैं जिन्हें आज भी पढ़कर लगता है कि जाने वो कैसे लोग थे जिन्होंने उस वक्त में समाज या दुनिया की परवाह न करते हुए सिर्फ अपने प्यार को ही चुना. वहीं आजकल के प्यार करने वाले अपने छोटे-छोटे फायदों को देखकर प्यार करते हैं. बहरहाल, इतिहास की प्रेम कहानियों में से एक कहानी है मिर्जा और साहिबा की. पंजाब की लोक कथाओं में इन दोनों की लव स्टोरी का नाम सबसे ऊपर लिया जाता है.


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इस तरह शुरू हुई एक अनकही दास्तान

कहानी की शुरूआत हुई आजादी के पहले पंजाब के खीवा गांव से. जो अब पाकिस्तान में है. यहां के अस्पताल में एक औरत ने एक लड़के को जन्म दिया लेकिन कुछ देर बाद बेटे को जन्म देते ही इस औरत की मौत हो गई. इसके पास के बिस्तर पर एक और औरत ने एक लड़की को जन्म दिया था. नवजात बच्चे को भूख से बिलखता देखकर लड़की की मां से रहा नहीं गया और उसने इस लड़के को भी अपना दूध पिला दिया. जिससे ये दोनों लड़का और लड़की दूध के रिश्ते से  भाई-बहन बन गए. गुजरते वक्त के साथ दोनों बड़े हो गए. लड़की का नाम फतेह बीबी रखा गया. जिसकी शादी खरराल जट समुदाय के सरदार वंजाल से हो गई. दूसरी तरफ लड़के का नाम खेवा खान रखा गया. जो सियाल जट समुदाय का राजा बना. खेवा की शादी भी एक सुंदर लड़की से हो गई.


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साहिबा और मिर्जा के बचपन का साथ

फतेह बीबी को एक लड़का हुआ जिसका नाम मिर्जा रखा गया. जबकि खेवा खान के घर चांद-सी बेटी ने जन्म लिया. जिसका नाम साहिबा रखा गया. मिर्जा की मां ने अपने बेटे को उनके दूध के रिश्ते के भाई खीवा खान के घर पढ़ाई करने के लिए भेज दिया. वहां जाकर मिर्जा की पहली मुलाकात साहिबा से हुई. दोनों का बचपन साथ गुजरा. दोनों के बीच अच्छी दोस्ती हो गई. लेकिन बढ़ती उम्र के साथ उनकी दोस्ती प्यार में बदल गई. धीरे-धीरे उनके इश्क की चर्चा गली, मोहल्लों और मस्जिदों में भी होने लगी. जब इस बात की भनक दोनों के माता-पिता को हुई तो मिर्जा और साहिबा दोनों को अलग कर दिया गया.

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साहिबा की खूबसूरती और मिर्जा की तीरअंदाजी

कहते हैं साहिबा इतनी सुंदर थी. कि उसे देखते ही कोई भी अपने होश खो बैठता था. जबकि मिर्जा तीर चलाने में इतने उस्ताद थे कि कोई भी उनके निशाने से नहीं बच सकता था. वो अपने किसी भी तीर को किसी भी दिशा में मोड़ सकते थे. उनके पास हमेशा तीर और धनुष रहते थे. मिर्जा अपने साथ 300 तीर लेकर चलते थे.

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निकाह के दिन साहिबा-मिर्जा का साथ जाना

दोनों को अलग करने के कुछ दिनों बाद साहिबा का ताहिर खान नाम के शख्स के साथ रिश्ता पक्का कर दिया गया. साहिबा ने किसी तरह ये खबर मिर्जा तक पहुंचाई. मिर्जा, साहिबा को उसके निकाह के दिन घर से लेकर फरार हो गए. दोनों भागते-भागते इतना थक गए कि पेड़ के नीचे बैठकर कुछ पल आराम करने लगे.

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साहिबा और मिर्जा का दुखद अंत

साहिबा के भाई और होने वाला पति दोनों को मारने के इरादे से पीछा करते हुए उनतक पहुंच गए. इस दौरान मिर्जा थककर इतना चूर हो चुके थे कि वो सो गए. साहिबा ने सोचा कि जब मेरे भाई आएंगे तो यहां खूनी खेल चालू हो जाएगा. इसलिए साहिबा ने मिर्जा के 300 तीर तोड़ डाले. शायद ऐसा करने के पीछे भाईयों के लिए साहिबा के दिल में गहरा प्यार था. वहीं कुछ लोगों का ये भी मानना है कि मिर्जा को अपने निशाने पर इतना यकीन था कि उसने भागने का इरादा छोड़कर सबको मारने की ठान रखी थी. इसलिए साहिबा को लगा कि अगर वो उनके 300 तीर तोड़ देगी तो शायद इस खूनी जंग से बचकर मिर्जा उस गांव से निकलने को तैयार हो जाए. इन सब बातों के दौरान साहिबा के भाई उनके पास पहुंच गए और दोनों को मारने के लिए अपने-अपने तीर निकाल लिए.

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ऐसे निभाई एक साथ जीने-मरने की कसम

भाईयों का पहला तीर साहिबा को लगा. अपने प्यार की चीख सुनकर मिर्जा की आंख खुल गई. ये देखकर जैसे ही मिर्जा ने अपना धनुष उठाया तो उनकी नजर अपने 300 टूटे हुए तीरों पर गई. उन्हें समझते हुए देर नहीं लगी कि साहिबा ने ऐसा क्यों किया है. कुछ लोग इसे साहिबा के धोखे से भी जोड़कर देखते हैं. कहते हैं साहिबा मिर्जा से इतना प्यार करती थी कि जब भी कोई तीर मिर्जा के पास आता तो वो खुद बीच में आकर खुद पर वार ले लेती थी. इस तरह करीब 40-50 तीरों ने साहिबा को छलनी कर दिया. ऐसे में मिर्जा ने साहिबा से रोते हुए कहा ‘साथ जीने-मरने की कसम खाई थी. क्या अकेले ही जाना चाहती हो?’ अपनी कसम को याद दिलाते ही साहिबा एक पल के लिए मिर्जा के सामने से हट गई और एक तीर सीधे मिर्जा के गले पर लगा. फिर तो अनगिनत तीरों ने दोनों के सीने को छलनी कर दिया और एक और प्रेम कहानी हमेशा के लिए गहरी नींद में सो गई…Next

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