आधी रात में जो भी उस टॉयलेट में जाता था, वो चीखकर या घबराकर वहां से भागने पर मजबूर हो जाता था. उनके डरने की वजह थी ही इतनी भयानक. दरअसल एक बिल्डिंग में कुछ परिवार के लिए एक पब्लिक टॉयलेट बना हुआ था. जिसे यहां रहने वाले परिवार के सदस्य इस्तेमाल किया करते थे. लेकिन कुछ दिनों से टॉयलेट की दीवारों पर खून के छींटे देखे जा रहे थे. पहले तो सभी को लगा कि ये किसी की शरारत है. लेकिन दिन बीतने के साथ ही दीवार पर खून की धार दिखनी शुरू हो गई. इसके बाद हर रोज दीवार पर ताजा खून लगा हुआ पाया जाने लगा. किसी ने परिवार के लोगों को दीवार पर लगे रंग का लैब टेस्ट करवाने की सलाह दी.
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इसके बाद लैब से जो रिपार्ट आई वो बेहद चौंकाने वाली थी. वो इंसानी खून था. इसके बाद तो चर्चाओं का दौर गर्म हो गया. भूत-प्रेत की कहानियां पूरे शहर में फैलने लगी. एक तांत्रिक ने पूजा-पाठ करके एक आत्मा का पता लगाया. अपनी तंत्र विद्या से उसने दावा किया कि यह खून एक प्यासी आत्मा का प्रकोप है. जिसके साथ इस बिल्डिंग में अन्याय हुआ था. इस वजह से वो किसी को भी यहां नहीं रहने देना चाहती. ये बात सुनकर सभी लोगों के चेहरे का रंग उड़ गया. तांत्रिक ने एक बहुत बड़े हवन के बारे में कहा. जिसमें लाखों रुपए का खर्चा था. सभी परिवारों ने हवन के लिए रकम जुटानी शुरू कर दी. तभी हवन से कुछ दिनों पहले बिल्डिंग में रहने वाले एक परिवार के बुजुर्ग सदस्य की तबीयत अचानक खराब हो गई.
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तांत्रिक ने बताया कि ये उस आत्मा का ही प्रकोप है. वो धीरे-धीरे सभी को मार देना चाहती है. परिवारवाले डरकर बुजुर्ग को इमरजेंसी वार्ड में ले गए क्योंकि बुजुर्ग का चेहरा पीला पड़ चुका था. लेकिन अस्पताल में डॉक्टर ने जो कुछ भी कहा वो सभी के लिए बेहद चौंकाने वाला था. असल में बुजुर्ग को खूनी बवासीर (पाइल्स) की शिकायत थी. जिस वजह टॉयलेट में अक्सर खून ज्यादा निकलकर दीवारों पर लग जाता था. कमजोरी के शिकार हो चुके इस बुजुर्ग ने इस ओर ध्यान नहीं दिया और परिवारवालों से शर्म के मारे कुछ नहीं कहा. डॉक्टर ने पाया कि इतने दिनों से इस परेशानी के चलते बुजुर्ग अनीमिया के शिकार हो चुके थे. ये सब सुनने के बाद किसी को भी पूरा माजरा समझते हुए देर न लगी…Next
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