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अपने नाम का मजाक उड़ाने पर इस राष्ट्रपति ने बनाया कानून, मिलता था कठोर कारावास

वैसे तो पूरी दुनिया में राष्ट्रपति पद को बेहद गरिमापूर्ण पद माना जाता है, लेकिन दुनिया में एक देश ऐसा भी है जहां का राष्ट्रपति अपने नाम और कारनामों की वजह से विवादों में रहा है. इस राष्ट्रपति का नाम सुनते ही आज भी लोग इनके कारनामों के बारे में सुनकर हैरान रह जाते हैं. जिम्बाबे के पहले राष्ट्रपति ‘कैनान बनाना’, जो 1980 में राष्ट्रपति पद के लिए चुने गए थे, लेकिन अपने विवादस्पद कामों के चलते जनता के मन में इन्हें लेकर आदर भाव खत्म होता गया. आइए हम आपको बताते हैं विवादों के साथ घिरे इस राष्ट्रपति की कहानी.


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अपने स्टाफ को करते थे सम्बध बनाने को मजबूर

राष्ट्रपति बनाना के बारे में सबसे बड़ा खुलासा ये था कि वो होमोसेक्सुअल थे, उन्होंने अपने पद का फायदा उठाते हुए लगभग अपने पूरे पुरुष स्टाफ के साथ शारीरिक सम्बध बनाए थे. जिसमें उनके ड्राइवर, माली, क्लर्क, मंत्री आदि लोग शामिल थे. उनकी पत्नी जेनेट बनाना ने सबसे सामने ये खुलासा किया था कि उनका पति होमोसेक्सुअल है. जब उन पर आए दिन यौन शोषण के आरोप लगने लगे तो पुलिस हरकत में आई और उन्हें 1997 में उन्हें पुरूष यौन सम्बध (सोडोमी) के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया.


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कई लोगों हत्या का था आरोप

कहा जाता है कि उन्होंने एक पुलिसकर्मी की हत्या की थी, जिसने उनकी पत्नी का ‘होमोसेक्सुअल’ कहकर मजाक उड़ाया था. स्वभाव से बेहद गुस्सैल माने जाने वाले बनाना को छोटी- छोटी बातों पर गुस्सा आ जाता था. वो छोटी बातों पर भी किसी भी व्यक्ति या अधिकारी को जेल में डलवा देते थे.


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अपने नाम का मजाक बनाने वाले लोगों के लिए सजा

कैनान का सरनेम ‘बनाना’ था. लोग शुरुआत में उनके नाम का मजाक उड़ाने के साथ उनके नाम पर जोक्स भी बनाया करते थे. अपने अपमान और गरिमा पर खतरा देखते हुए उन्होंने एक कानून बनाया, जिसके तहत अगर कोई भी व्यक्ति उनके नाम का मजाक बनाते हुए पाया गया तो उसे कठोर कारावास की सजा दी जाएगी.


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मृत्यु पर नहीं दिया गया राजकीय सम्मान

आमतौर पर देश के किसी सम्मानीय पद पर रहने वाले किसी व्यक्ति के मरने के बाद उसे राजकीय सम्मान के साथ विदा किया जाता है. राष्ट्रपति का पद भी इसी श्रेणी में आता है, लेकिन कैनान की हरकतों और विवादित कानूनों के चलते मरने के बाद उन्हें बिना किसी राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई थी…Next


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