प्राचीन काल से ही दूर देशों में घूमने वाले लोग अनजान देश और राज्य में ठहरने के लिए सराय और धर्मशाला का प्रयोग किया करते थे. जैसे-जैसे सभ्यता का विकास हुआ, यह सराय और धर्मशाला होटलों के रूप में विकसित होते चले गए. आज के समय में लंबे सफर की थकान के बाद एक उम्दा किस्म के होटल में रुकना कुछ ही घंटोंं में आपकी थकान को नदारद कर देता है. अगर कोई विश्व के सबसे पुराने होटल को देखना चाहते हैं, तो उसको ‘लैंड ऑफ़ राइजिंग सन’ कहे जाने वाले जापान देश की यात्रा करनी होगी.
गिनीज वर्ल्ड ऑफ़ रिकार्ड्स के अनुसार जापान का ‘निशियामा ओन्सेन केउनकन’ होटल विश्व का सबसे प्राचीन होटल है, जो होन्शू के आइलैंड पर बना हुआ है. जापान के यमनाशी प्रांत की पहाड़ी श्रृंखला के बीच बसा यह होटल 1,311 पुराना है, जो इसके मालिकों को उनके पूर्वजों से विरासत में मिला है. अगर हम इसके इतिहास पर नज़र डाले तो, अब तक ‘फूजिवारा माहितो’ खानदान की 52 पीढ़ी इस होटल का संचालन कर चुकी हैं.
इन्होंने बहुत हिफाज़त के साथ अपनी विरासत को सहेज कर रखा है. यह होटल मशहूर सेलिब्रिटीज से लेकर समुरई मिल्ट्री कमांडर्स और पॉलिटिशियन तक बहुत से प्रसिद्ध ऐतहासिक लोगों के वंशजों की मेज़बानी कर चुका है. कहा जाता है कि युद्ध के दौरान दर्द से पीड़ित योद्धा यहाँ आकर ‘हॉट-स्प्रिंग बाथ’ द्धारा असहनीय पीड़ा को कम करते थे.
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इसके आसपास स्थिति प्राकृतिक गर्म पानी के स्रोत के कारण होटल में 6 हॉट स्प्रिंग बाथ बनाये गए हैं, साथ ही कमरों के भीतर भी प्राइवेट स्प्रिंग बाथ का इंजाम किया हुआ है. 2 व्यक्तियों को एक दिन यहाँ ठहरने के लिए लगभग 23000 रूपये खर्च करने पड़ते हैं.
होटल में सफाई को व्यवस्थित रखने के लिए सभी लोगों के जूते और चप्पल बाहर ही रखवा दिए जाते हैं और पहनने के लिए आरामदायक स्लीपर उपलब्ध कराये जाते हैं. समय-समय पर होने वाले रेनोवेशन के कारण, हज़ारों साल पुराना यह होटल आज भी एक आधुनिक फाइव स्टार होटल के जैसा ही दिखता है और यहाँ से कुछ घंटों की यात्रा कर सुप्रसिद्ध ‘माउन्ट फुजी’ का दीदार किया जा सकता है…Next
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