जनता का शासन, जनता के लिए और जनता के द्वारा. लोकतंत्र की यही परिभाषा है जिसमें जनता ही सरकार है. आपने बचपन में राजनीतिज्ञ विज्ञान में अब्राहम लिंकन द्वारा दी गई लोकतंत्र की ये परिभाषा तो जरूर पढ़ी होगी. उनका अमेरिकी राष्ट्रपति बनने का सफर आसान नहीं था. इस मुकाम पर पहुंचने के लिए उन्हें काफी मेहनत करनी पड़ी.
काफी साल तक करते रहे असफल वकालत
ऐसा कहा जाता है कि अब्राहम लिंकन दिल के इतने साफ और दयालु थे, कि वो अपने गरीब मुवक्किलों के केस मुफ्त में लड़ा करते थे. उन्हें कभी भी केस जीतने का जुनून नहीं रहा, वो महज केस जीतने के लिए कभी झूठ नहीं बोलते थे. शायद इसी वजह से वकालत से कमाई की दृष्टि से देखें, तो अमेरिका के राष्ट्रपति बनने से पहले अब्राहम लिंकन ने बीस साल तक असफल वकालत की, लेकिन उनकी वकालत से उन्हें और उनके मुवक्किलों को जितना संतोष और मानसिक शांति मिली, वह धन-दौलत बनाने के आगे कुछ भी नहीं है. उनके वकालत के दिनों के सैंकड़ों सच्चे किस्से उनकी ईमानदारी और सज्जनता की गवाही देते हैं.
जिंदा रहते ही कर दी थी, अपनी मौत की भविष्यवाणी
इतिहास में अब्राहम लिंकन से जुड़ी हुई एक रोचक कहानी मिलती है. कहा जाता है कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति में ऐसी कई खासियत थी, जो किसी आम इंसान में नहीं होती. जैसे भविष्य में होने वाली घटनाओं का आभास उन्हें पहले ही हो जाता था.
उन्होंने अपनी मौत का सपना भी पहले ही देख लिया था. कई मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एक रात अब्राहम लिंकन को एक सपना आया था, जिसमें उन्होंने देखा कि वो वाइट हाउस में किसी के अंतिम संस्कार में शामिल होने आए हैं. उनकी जान-पहचान के काफी लोग वहां खड़े थे.
उन्होंने वहां खड़े एक सैनिक से पूछा कि ‘ये लोग यहां क्यों आए हैं और ताबूत में कौन है? इस पर उस सैनिक ने जवाब दिया, ‘ सर, आप मर गए हैं और हम सभी आपके अंतिम संस्कार में आए हैं.’ अगली सुबह लिंकन ने ये सपना अपने दोस्तों और परिचितों को बताया. धीरे-धीरे ये खबर अखबारों तक पहुंच गई. इस सपने के कुछ समय बाद ही लिंकन की हत्या कर दी गई थी…Next
Read More :
पैन कार्ड में छुपा है बैंक अकाउंट नंबर से लेकर आपका सरनेम, जानें ये राज
यहां माली के पद के लिए मिल रहे हैं 14 लाख रुपये, साथ ही पेंशन और खाना मुफ्त
एक साल तक बैंक स्टाफ को खिलाता था चॉकेलट और टॉफी, मौका मिलते ही ले उड़ा 186 करोड़ के हीरे
Read Comments