2004 में आए उस महाप्रलय को कौन भूल सकता है जिसने कुछ ही मिनटों में लाखों जिंदगियां लील ली. एशियाई देशों के समुद्री तटो पर आए सुनामी के बारे में 2004 से पहले शायद ही किसी को मालूम था. इस घटना के बाद लोगों को लगा कि समुद्र में भी बड़े पैमाने पर हलचल हो सकता है, वहां भी भूकंप आ सकता है.
इस प्राकृतिक आपदा में उन पर्यटकों की जाने भी गई जो एशियाई देशों के समुद्री तटो पर बेफिक्र होकर जिंदगी के मजे ले रहे थे, लेकिन वहीं थाईलैंड के फुकेट में माईखाओ बीच पर एक लड़की की सूझबूझ से सैकड़ों पर्यटकों की जान बच गई थी.
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2004 में टिल्ली स्मिथ नाम की 10 साल की लड़की ने अपने ज्ञान का उपयोग उस भयंकर आपदा में लोगों की जान बचाने के लिए किया. टिल्ली स्मिथ ने दो सप्ताह पहले ही भूगोल के टीचर से सुनामी और उसके हवा के बारे में जाना था. इंग्लैंड की ऑक्सशॉट की रहने वाली टिल्ली स्मिथ अपने माता-पिता और अपनी छोटी बहन के साथ छुट्टियां मनाने थाइलैंड गई हुई थी.
जिस समय यह घटना घटी टिल्ली स्मिथ थाईलैंड के माईखाओ बीच पर ही थी. उन्होंने बतौर ज्ञानी तब महसूस किया कि समुद्र से उठने वाली हवा कोई बड़ी अनहोनी होने के संकेत दे रही है. उसने तभी अपनी मां से बीच छोड़ने के लिए कहा और उन्हें बताया कि यह एक सुनामी है.
अपनी मां को पूरी तरह से विश्वास में लेने के लिए उसने भूगोल के टीचर से लिए ज्ञान के बारे में बताया. उसके कहा कि यह एक तरह की विशाल लहरे होती हैं जो सुनामी के संकेत देती हैं.
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इसके बाद टिल्ली स्मिथ के माता पिता वहां रुके पर्यटकों और स्टाफ को इस बात जानकारी दी जिसके बाद तुरंत उस जगह को खाली कराया गया. जब सुनामी आया तब तक उस जगह को पूरी तरह से खाली कराया जा चुका था.
अपने दिए इंटरव्यू में टिल्ली स्मिथ ने कहा कि वो एंड्रयू कर्नी ही हैं जिन्होंने मुझे भुगोल की क्लास में सुनामी के बारे में पढ़ाया. टिल्ली कहती है कि एंड्रयू कर्नी ने मुझे भूकंप और उसकी वजह से कैसे सुनामी आ सकता है उसके बारे में बताया.
दस साल बाद टिल्ली स्मिथ को थाईलैंड के फुकेट में माईखाओ बीच पर जाने मौका मिला था…Next
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