1912 में अपनी पहली यात्रा पर निकले टाइटेनिक जहाज के डूबने की दुखद घटना इतिहास के काले पन्नों में दर्ज है. इस दुर्घटना में लगभग 1500 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी. वर्ष 1997 में टाइटेनिक जहाज से जुड़े इस हादसे से संबंधित एक फिल्म का निर्माण भी किया गया था जिसमें यह दर्शाया गया था कि जहाज अपनी राह में आने वाले ग्लेशियर (बर्फ की चट्टान) से टकरा गया और यह टकराव इतना असरदार था कि इसके प्रभाव से पानी के मध्य में ही जहाज पलट गया जिसके चलते सैकड़ों यात्रियों को अपनी जान गंवानी पड़ी.
खैर यह बात तो हम सभी कई बार पढ़ या देख चुके हैं कि मार्ग में बर्फ की चट्टान आने से ही टाइटेनिक जहाज दुर्घटनाग्रस्त हुआ लेकिन अभी तक इस बात का खुलासा नहीं हो पाया था कि पानी में चट्टान पहले से ही मौजूद था या फिर कहीं से घिसकर वहां पहुंचा था.
लेकिन अब प्रतिष्ठित खगोलविदों ने अपने एक नए अध्ययन के बाद यह प्रमाणित किया है कि चांद का धरती के सबसे नजदीक स्थिति में होना टाइटेनिक हादसे की वजह रही. डेली मेल में प्रकाशित इस रिपोर्ट ने अनुसार इस अध्ययन से जुड़े वैज्ञानिकों का कहना है कि हादसे से लगभग तीन माह पहले चांद धरती के सबसे नजदीक था, चांद की यह स्थिति लगभग 1400 वर्ष में एक बार ही होती है.
यह चांद के जीवन में एक बार होने वाली परिघटना थी जिसके कारण 12 जनवरी, 1912 को ऊंची समुद्री लहर उठी थी. इस ऊंची लहर के कारण तीन माह पहले बर्फ की एक घातक चट्टान कमजोर पड़कर लेब्राडोर और न्यूफाउलैंड के तटों के उथले पानी से अलग हो गई. इस चट्टान की चपेट में आने से 14 अप्रैल, 1912 को टाइटेनिक जहाज हादसे का शिकार हो गया जिसमें 1500 यात्रियों की मृत्यु हो गई थी.
इस शोध से जुड़े मुख्य वैज्ञानिक डोनास्ड ओल्सन का कहना है कि टाइटेनिक के दुर्घटनाग्रस्त होने का कारण केवल चांद का धरती से नजदीकी बढ़ा लेना था. उनका कहना है कि बर्फ की चट्टानें हमेशा अपनी जगह पर कायम रहती हैं और अगर पिघलकर अलग होती भी हैं तो तैरते हुए दक्षिण की दिशा में तेजी से नहीं तैरतीं. इस प्रक्रिया में कई साल तक लग जाते हैं लेकिन चांद के अधिक शक्तिशाली होने से बहुत तेज लहरें उठने लगती हैं और वह चट्टानें कई गुणा ज्यादा तेजी के साथ दक्षिण की ओर आने लगती हैं.
यह बात हम सभी भली-भांति जानते हैं कि मार्ग में चट्टान के आ जाने के कारण जहाज दुर्घटनाग्रस्त हुआ था लेकिन इस अध्ययन के बाद यह बात भी नजरअंदाज नहीं की जा सकती कि शायद जहाज की राह में एक नहीं बल्कि हो सकता है बड़ी मात्रा में चट्टानें आ गई हों.
जितनी नॉनसेंस रचना उतनी ज्यादा प्रसिद्धि
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