पहली मुलाकात में जब आप इनसे मिलेंगे तो आपकी आंखों और कानों को विश्वास नहीं होगा. कान इसलिए क्योंकि बिना देखे इनको सुनना एक ऐसे क्रिकेट कमेंटेटर की अनुभूति होगी जिसे इस खेल की बारीकियों के बारे में पता है. नाम है ‘करमवीर कुमार सेहरावत’ जिन्हें लोग क्रिकेट कमेंटेटर के रूप में पहचानते हैं.
उपरोक्त बातों से आपको लग रहा होगा कि ये कोई क्रिकेट का फैन है जिसे क्रिकेट कमेट्री करना अच्छा लगता है. लेकिन नहीं, करमवीर कोई मामूली फैन नहीं है बल्कि वह एक नेत्रहीन है और नौ साल से एक ब्लाइंड रिलीफ स्कूल में रह रहे हैं. दिल्ली के कराला गांव में रहने वाले करमवीर से मिलने के बाद आपको रेडियो और क्रिकेट की ताकत का अंदाजा लग जाएगा. दरअसल करमवीर सेहरावत 1994-95 से किक्रेट मैचो की कमेंट्री रेडियो पर सुनते आ रहे हैं. करमवीर को भाषा का बहुत ही कम ज्ञान है लेकिन इसके बावजूद उन्हें अंग्रेजी कमेंटटर्स खूब भाते हैं और वो उनकी नकल भी करते. उन्होंने कमेंट्री करने की शुरुआत 2009 से की.
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उनके क्रिकेट कमेंट्री करने की खास बात यह है कि वह एक कमेंटेटर की तरह आवाज निकालते हैं. यही नहीं, अपने आवाज से स्टेडियम में बैठे दर्शकों की कमी को भी पूरा करते हैं. इस तरह से करमवीर क्रिकेट में पूरे पैकेज की तरह हैं जो कमेंट्री के अलावा स्टेडियम में बैठे दर्शकों, गेंदबाजों के जूतों तथा बल्ले पर पड़ने वाले बॉल की आवाज निकाल सकते हैं.
आज अगर कोई उनसे मैच का हाल पूछता, तो वे अंग्रेजी स्टाइल में कमेंट्री करके उसे पूरे मैच का हाल बताते. उनके ही एक साथी राम विलास करमवीर के बारे में कहते हैं कि वह अचानक बसो में कमेंट्री करना शुरू कर देते हैं, बस में बैठे यात्री चारो तरफ देखने लगते. यात्रियों को लगने लगता कि किसी के पास रेडियो है जो मैच सुन रहा है.
क्रिकेट की बारीकियों को समझना, सुनना और उस पर अंग्रेजी भाषा में कमेंट्री करना इस तरह का फैन केवल भारत में ही देखने को मिल सकता है फकीरी में जिंदगी गुजारने वाला यह विरला फैन अपनी इस खूबी को भगवान का सबसे बड़ा ईनाम मानता है….Next
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साभार : एक फेसबुक खाताधारक के वॉल से
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