यह भला कैसे हो सकता है कि कुत्ता शैतानी करे और उसे भरे कोई और जनाब. लेकिन हां, आईपीसी की धारा 289 के अनुसार कुत्ते द्वारा इंसान को पहुंचाए गए किसी भी नुकसान के लिए उसका मालिक जिम्मेदार है जो कि सही भी है पर उत्तर प्रदेश की पुलिस को कौन समझाए.
दरअसल हुआ कुछ ऐसा कि उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में एक कुत्ते ने वहां के पूर्व पुलिस कर्मचारी विजय यादव को काट लिया जिसके बाद विजय यादव एफआईआर दर्ज कराने के लिए गए पर आप उत्तर प्रदेश पुलिस की अक्लमंदी तो देखिए कि उन्होंने कुत्ते के खिलाफ ही एफआईआर दर्ज कर ली. पिछले तीन महीने से विजय यादव इंसाफ के लिए लड़ रहे हैं. चलिए खैर मान लेते हैं कि उत्तर प्रदेश की पुलिस को आईपीसी की धाराओं को समझने में उलझन होती होगी पर उनका कॉमन सेंस ऐसा होगा यह हैरतंगेज है. यकीनन इस वाक्य को सुनने के बाद आपको हंसी आ रही होगी पर थोड़ा ठहरिए! अभी कुछ और ऐसे केस हैं जो पुलिस के निर्णयों को हास्यास्पद बनाते हैं.
जब कुछ दिनों पहले मंत्री आजम खां की सात भैंसें चोरी हो गई थीं तो उनको खोजने के लिए पुलिस ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था. महज 36 घंटे में ही सभी भैंसों को जंगल से खोज निकाला गया. इस चुस्ती के बाद भी लापरवाही बरतने के आरोप में तीन पुलिसकर्मी लाइन हाजिर कर दिए गए क्योंकि कप्तान का तर्क था कि ये सक्रिय होते तो मंत्री जी के तबेले में चोरी ही नहीं हुई होती. देख लीजिए पुलिस ने मंत्री जी की सात भैंसों को पकड़ने के लिए योजनाएं बना डालीं. खैर यदि हास्यस्पद बातों के जिक्र पर थोड़ा विराम लगाया जाए तो हकीकत यह है कि पालतू कुत्ते द्वारा इंसान को पहुंचाए गए किसी भी नुकसान के लिए उसका मालिक जिम्मेदार होता है. पर क्या इसी तरह आवारा कुत्ते द्वारा पहुंचाए गए नुकसान के लिए नगर निगम या नगर पालिका जिम्मेदार होती है? क्योंकि नगर निगम या नगर पालिका का दायित्व होता है कि वो आवारा कुत्तों की देखरेख करें और समय-समय पर यह बात सुनिश्चित करते रहें कि कहीं आवारा कुत्ते किसी जगह पर आंतक तो नहीं मचा रहे हैं.
Read Comments