आपने उन लोगों के बारे में जरूर सुना होगा जिन्हें अच्छी से अच्छी सुविधा मिलने पर भी किसी नई जगह नींद नहीं आती या फिर आप भी उन लोगों में से एक होंगे. लेकिन क्या आपने कभी इस बात की वजह तलाशने की कोशिश की है. दरअसल, ऐसा अधिकतर लोगों के साथ होता है कि जब वो किसी नई जगह जाते हैं, तो उन्हें रात में अजीब-सी बैचेनी का सामना करना पड़ता है. कई लोगों का मानना है कि दिमाग का कनेक्शन दिल से होता है और दिल को ये बात पता होती है कि आप अपने घर में नहीं बल्कि किसी अजनबी जगह पर हैं.
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बहरहाल, इस बात का वैज्ञानिक पहलू ये है कि इंसान का दिमाग दो हिस्से में बंटा हुआ होता है जैसे, हम सभी जानते हैं कि रात को सोते समय दिन भर की घटनाएं हमारे दिमाग में रिवाइंड होती रहती है. ऐसे में, हमारे दिमाग को ये बात भी पता रहती है कि हम अपने घर से दूर किसी अंजान जगह पर हैं. इस तरह रात में हमारा आधा दिमाग पूरी तरह सो नहीं पाता और सक्रिय रहता है, जिससे हमें आसपास की गतिविधियों की आहट सुनाई देती रहती है, इस तरह दिमाग पूरे दिन की तरह काम ही करता रहता है और पूरी तरह से सोचना-समझना भी बदं नहीं कर पाता.
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साथ ही तरह-तरह के विचार आने से दिमाग और भी सक्रिय हो जाता है. इस वजह से एक तरह का तनाव हमारे मस्तिष्क में कौंधता रहता है और हम सो नहीं पाते. जबकि हम जब अपने घर में सोते हैं तो दिमाग के दोनों हिस्से निष्क्रिय हो जाते हैं जिससे हमें सुकून भरी नींद आती है…Next
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