कभी आपने सुना है की प्राण लेने में यमराज से भी भूल हो गयी हो. कभी-कभी यमराज से भी गलती हो जाती है. वो कहते हैं न जाके राखो सांईयां, मार सके न कोई’. चाहे उसके लिए भले यमराज ही प्राण लेने क्यों न आए. यमराज को भी मन मसोस कर वापस जाना पड़ेगा क्योंकि अगर किसी की किस्मत में उस वक्त मरना नहीं लिखा होता है तो वह यमराज को भी धोखा देने में सफल हो जाता है. मजेदार बात तो तब होती है जब यमराज को पता चले कि जिनके प्राण उन्होंने हरे वह कोई और है और असल व्यक्ति उन्हें धोखा देकर 13 दिन बाद दुनिया में वापस लौट चुका है.
फिलाडेल्फिया की 50 वर्षीय शैरोलिन जैक्सन 18 जुलाई को अचानक अपने घर से लापता हो गईं. उनके पति और बेटे ने उन्हें ढूंढ़ने की बहुत कोशिश की लेकिन शैरोलिन नहीं मिलीं. परिजनों ने पुलिस में शैरोलिन की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाई. कुछ दिनों बाद पुलिस को शैरोलिन से मिलती-जुलती कद-काठी की महिला की एक लाश मिली. शिनाख्त के लिए जब उनके परिवार को बुलाया गया तो उन्होंने लाश के शैरोलिन के होने की पुष्टि कर दी. दुख में डूबे परिजनों ने भारी मन से शैरोलिन की अंत्येष्टि कर दी. अपनी मां को श्रद्धांजलि देने के लिए शैरोलिन के बेटे ट्रैविस ने एक स्थानीय अखबार में शैरोलिन की फोटो समेत इसे प्रकाशित करवाया. इसके कुछ ही दिनों बाद ट्रैविस को पता चला कि उसकी मां अब तक जिंदा हैं. लेकिन यह हुआ कैसे?
यह कोई चमत्कार नहीं था कि शैरोलिन 13 दिनों बाद कब्र से जिंदा होकर बाहर आ गई थीं. दरअसल शैरोलिन मरी ही नहीं थीं. जिसे शैरोलिन समझकर उनके परिवारवालों ने अंत्येष्टि की थी वह किसी और की लाश थी. हुआ यह कि शैरोलिन किसी मानसिक अस्पताल में बंद थीं. क्योंकि वह अचानक गायब हो गई थीं तो हर किसी को उनकी मौत की आशंका सता रही थी. पुलिस को जब उनकी मिलती-जुलती कद-काठी की लाश मिली और उसने शैरोलिन के परिजनों को इसकी शिनाख्त करने को कहा तो वे भी इसे शैरोलिन की लाश ही समझ बैठे.
शैरोलिन की अंत्येष्टि की खबर अखबार में पढ़कर और उसकी तस्वीर देखकर एक स्वयंसेविका जो शैरोलिन और उसके परिवार को जानती थी, ने उन्हें शैरोलिन के जिंदा होने की खबर दी. उस स्वयंसेविका ने अस्पताल में शैरोलिन को देखा था पर परिवार को इसका पता नहीं है, वह यह नहीं जानती थीं. इस तरह 13 दिनों बाद जब उस स्वयंसेविका ने शैरोलिन के जिंदा होने की खबर बताई तो उसके परिवार वालों का खुशी के साथ आश्चर्य का ठिकाना न था. इस तरह मरते-मरते शैरोलिन जिंदा बच गईं.
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