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अपने बलबूते बनाई पहचान और बनी असल जिंदगी की महिला डॉन

भारत में जब कभी आपराधिक सरगना या अंडरवर्ल्ड का नाम आता है तब खुद-ब-खुद हम छोटा शकील और दाउद के बारे में विचार करने लगते हैं, लेकिन जब आप इन महिला सरगनाओं के बारे पढ़ेंगे तो कुछ देर के लिए ही सही आप बड़े सरगनाओं को भूल जाएंगे. आइए इन महिला सरगनाओं के बारे में जानते हैं.


रेश्मा मेनन और शबाना मेनन: 1993 मुंबई ब्लास्ट के बाद ये दोनों बहने किसी पहचान की मोहताज नहीं है. टाइगर मेनन की पत्नी रेशमा और उसकी बहन शबाना ने पूरी सक्रियता के साथ मुंबई ब्लास्ट को अंजाम देने में अपनी भूमिका निभाई. आज भी इंटरपोल और सीबीआई को इनकी तलाश है. ऐसा माना जाता है कि ये दोनों बहने पाकिस्तान की कराची में है.


अर्चना बालमुकुंद शर्मा: मध्यप्रदेश के उज्जैन में निम्न-मध्यवर्गीय परिवार में जन्मी अर्चना बालमुकुंद शर्मा की जिंदगी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है. अभिनेत्री बनने की चाह लिए अर्चना ने कब अपराध की ओर रुख कर लिया इसका अंदाजा उसे भी नहीं हुआ. बबलू श्रीवस्तव गैंग की ये लेडी डॉन दिल्ली में रहते हुए उसने बबलू का काम अपने हाथों में ले लिया. जिसके बाद वह लूटपाट, अपहरण और हत्या में शामिल हो गई. व्यवसायियों का अपहरण कर उसने जल्दी-जल्दी बहुत पैसे बना लिए और अपराध जगत की सरगना बन बैठी.


समीरा जुमानी: गैंगस्टर अबू सलेम की पूर्व पत्नी समीरा जुमानी का नाम जबरन वसूली, बम विस्फोटों और धोखाधड़ी के मामले में आ चुका है. जब इंटरपोल ने इसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था तब यह अमरीका में थी, अब कहा जा रहा है कि ये अमरीका से भी फरार है.


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शोभा अय्यर: सालों से पुलिस के कब्जे से दूर खुंखार महिला अपराधी शोभा अय्यर के खिलाफ भी रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया है. साथ उसके बारे जो बताएगा उसे सम्मानित भी किया जाएगा. ऐसा माना जाता है कि शोभा अय्यर का प्रभाव इतना ज्यादा है कि इसके बारे में जानकारी जुटाना बहुत ही मुश्किल है.


अंजली माकन: शोभा अय्यर की तरह ही अंजली माकन एक वांच्छित अपराधी है. डेढ़ करोड़ की बैंक धोखधड़ी के बाद पुलिस को इसकी तलाश है.


रुबिना सिराज सैयद: हिरोइन के नाम से प्रसिद्ध रुबिना सिराज सैयद छोटा शकील की प्रेमिका रही है. ये छोटा शकील गैंग के उन लोगों को भोजन, हथियार और पैसे भेंजती थी जो जेल में बंद थे.


सीमा परिहार: उत्तर प्रदेश के ओरैया जिले के दिबियापुर की रहने वाली 35 वर्षीय सीमा परिहार ने 13 वर्ष की आयु में ही बन्दूक उठा ली. लालाराम और निर्भय गूजर के गिरोह की सदस्य रह चुकी दस्यु सुंदरी सीमा परिहार पर करीब 70 हत्याओं और 200 लोगों के अपहरण का आरोप था. जिस समय इसने कानपुर पुलिस के सामने 2003 में आत्मसमर्पण किया, उस समय भी उस पर हत्या के 29 मुक़दमे चल रहे थे.


फूलन देवी: 1963 में जालौन जिले के कालपी क्षेत्र के शेखपुर गुढ़ा गांव में जन्मी फूलन देवी पर बचपन से ही अत्याचार होते रहे लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी. 11 साल की उम्र में फूलन देवी का विवाह कर दिया गया, उसके बाद कुछ दबंगों ने बेहमई गांव में फूलन देवी को निर्वस्त्र कर सबके सामने घुमाया और उनके साथ सामूहिक बलात्कार किया. इस अत्याचार और घिनौने कृत्य के बाद फूलन देवी ने चंबल का रास्ता पकड़ लिया और बदले की आग में झुलसते हुए 1981 में अपने साथी डकैतों की मदद से ऊंची जातियों के गांव में 20 से अधिक लोगों की हत्या कर दी…..Next


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